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मुंबई

‘पैसे देकर पैरोडी गाना…’, कामरा मामले में संजय निरुपम का शिवसेना UBT पर हमला, लगाए ये आरोप

कॉमेडियन कुणाल कामरा मामले में शिवसेना (शिंदे गुट) नेता संजय निरुपम ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शिवसेना (UBT) को लेकर उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा को पैसे देकर गाना बनाया गया था। कॉमेडियन की मदद से राजनीति करने की कोशिश की गई। विस्तार से उनके बयान के बारे में जानते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 9, 2025 14:31
Sanjay Nirupam

कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर शिवसेना (शिंदे गुट) नेता संजय निरुपम की एक बार फिर प्रतिक्रिया सामने आई है। ANI से बातचीत में शिवसेना (यूबीटी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए निरुपम ने कहा कि कुणाल कामरा को पैसे दिए और उनके निर्देश पर पैरोडी गाना बनाया गया था। इसमें मातोश्री की भी भूमिका शामिल है। मातोश्री के पैसे का इस्तेमाल किया गया है। निरुपम ने कहा कि अब शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता गायब हो गए हैं और इसलिए वे एक कॉमेडियन की मदद से राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं।

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निरुपम ने कहा कि कुणाल कामरा का समर्थन संजय राउत और आदित्य ठाकरे जैसे लोग कर रहे हैं। इससे साबित हो गया है कि उनके पास कोई विषय नहीं रह गया है। कुणाल कामरा बुरी तरह कानून के शिकंजे में फंस चुके हैं, ये लोग उनको बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बचा नहीं पाएंगे। कुणाल कामरा को सजा मिलकर ही रहेगी।

पहले भी साध चुके निशाना

इससे पहले मंगलवार को भी संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था। वक्फ कानून को लेकर उन्होंने कहा था कि मुस्लिम वोटों के लिए उद्धव सेना ने बालासाहेब ठाकरे के विचारों और हिंदुत्व के साथ गद्दारी की है। उद्धव के दोगलेपन से हिंदू आक्रोशित हैं। वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने वाले ठाकरे को बालासाहेब का नाम तक लेने का अधिकार नहीं है। निरुपम ने कहा था कि शिवसेना यूबीटी के लोग दावा कर रहे हैं कि वक्फ बिल किसी जाति, धर्म से संबंधित न होकर अचल संपत्ति से संबंधित है।

यूबीटी के लोगों को प्रॉपर्टी में रुचि

निरुपम ने कहा कि यूबीटी के लोगों को प्रॉपर्टी में अधिक रुचि दिख रही है। कई मुस्लिम संगठनों ने चुनाव के दौरान उद्धव की पार्टी को फंडिंग की थी। मुस्लिम वोटों के लिए लीपापोती की जा रही है। वक्फ के पास जो जमीन है, वह देश की है। अगर कोई इसका दुरुपयोग कर रहा है, कोई घोटाला हुआ है तो कार्रवाई करने का अधिकार सरकार को है। खुलताबाद का नाम पहले रत्नपुर था। उद्धव 22 महीने सीएम रहे, उन्होंने नाम बदलने का काम क्यों नहीं किया?

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First published on: Apr 09, 2025 02:31 PM

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