Pushpak Express Accident: मंगलवार को रात लखनऊ जंक्शन से रवाना हुई पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैल गई। जिससे अफरा-तफरी मच गई। यात्रियों ने जान बचाने के लिए ट्रेन से छलांग लगा दी। इसी बीच दूसरे ट्रैक से आ रही ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम को 13 यात्रियों की मौत हो गई। यह घटना परांडा स्टेशन पर हुई, पुष्पक ट्रेन उत्तर प्रदेश के लखनऊ से चलकर मुंबई जा रही थी। ट्रेन में सवार जिन लोगों ने बचने के लिए छलांग नहीं लगाई वह सुरक्षित हैं। सुरक्षित बचे यात्रियों ने आपबीती सुनाई है।
यात्रियों ने सुनाई आपबीती
हादसे के बाद ट्रेन में सवार कई यात्रियों ने जान बचने की आपबीती सुनाई है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, लखनऊ की 19 साल की पूजा सिंह अपनी मां के साथ इसी ट्रेन में सफर कर रही थीं। वह कहती हैं, हम सो रहे थे, तभी लोगों ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। पता चला कि ट्रेन में आग लग गई है। मेरी मां मुझे दरवाजे के पास ले गई और मुझे कूदने को कहा, मैं डरी हुई थी ट्रेन से कूद नहीं पाई। वह बताती हैं कि जब मैंने देखा कि ट्रैक पर खड़े यात्रियों को दूसरी कुचल रही है तो मेरा दिल बैठ गया।
#WATCH जलगांव, महाराष्ट्र: जलगांव जिले के पचोरा में कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आने से पुष्पक एक्सप्रेस के 11 यात्रियों की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हो गए।
(वीडियो घटनास्थल से है) pic.twitter.com/J4w1Vlh46F
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धुआं देखकर मैं भी घबरा गया
लखनऊ के चौक इलाके के रहने वाले सुरेश गुप्ता भी ट्रेन में सवार थे । वह अपने काम के सिलसिले में मुंबई जा रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरे कोच में किसी के चिल्लाने की आवाज आई कि आग लग गई है। मैंने देखा तो मैं भी घबरा गया, लोग इधर-उधर भाग रहे थे, कुछ लोगों ने ट्रेन रोकने के लिए चेन खींची और बाहर कूदने लगे। सुरेश कहते हैं कि ट्रेन में धुआं ब्रेक लगने की वजह से या आग लगी थी, कुछ समझ नहीं आ रहा था।
‘किसी ने मेरी नहीं सुनी’
इस घटना के समय गोमती नगर के रहने वाले राजीव शर्मा भी ट्रेन के स्लीपर कोच के दरवाजे के पास थे। उन्होंने बताया कि लोगों के चिल्लाने की आवाज आई कि ट्रेन में आग लग गई है। इसी दौरान किसी ने ट्रेन की चेन खींच दी। जैसे ही ट्रेन ट्रेन स्लो हुई, लोग कूदने लगे। राजीव ने दूसरी पटरी पर एक और ट्रेन को आते देखा, तो उन्होंने लोगों से दूर जाने के लिए कहा। राजीव ने कहा कि मैं चिल्लाता रहा लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी। इनकी तरह ही ऐसे कई यात्री हैं जो इस घटना के बाद से डरे हुए हैं।
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