Sharad Pawar on Vajpayee Government Collapse: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार 1999 में संसद में एक वोट से अविश्वास प्रस्ताव हार गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को इस्तीफा देना पड़ा था। इस घटना के ठीक 25 साल बाद एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने खुलासा किया कि एनडीए का एक वोट उन्हें मिला था। एनसीपी चीफ शरद पवार ने इस बात का खुलासा दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में आयोजित एक किताब विमोचन कार्यक्रम में किया।
बता दें कि 1999 में शरद पवार विपक्ष के नेता थे। उस घटनाक्रम को याद करते हुए शरद पवार ने कहा कि मैं उस समय विपक्ष का नेता था। जब हम विपक्ष में थे, तब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। तब यह प्रस्ताव एक वोट से पारित हुआ था। मैं आपका बताना चाहता हूं कि यह विश्वास मैंने कैसे हासिल किया। अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद एक ब्रेक था। उस दौरान मैं बाहर गया किसी से बात की और वापस आ गया। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग हुई क्योंकि सत्तारूढ़ दल के एक व्यक्ति ने कुछ और फैसला कर लिया था। मैं यह नहीं बताऊंगा कि मैंने किससे बात की।
“…मैं ये नहीं बताऊंगा कि मैंने किससे बात की और कैसे किया”
◆ 1999 में कैसे गिर गई थी वाजपेयी सरकार, शरद पवार ने किया खुलासा#SharadPawar @PawarSpeaks #NCP pic.twitter.com/FO0ULI0SRj
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बाल ठाकरे शरद बाबू कहकर बुलाते थे
गौरतलब है कि 17 अप्रैल 1999 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को लोकसभा में बहुमत साबित करना था लेकिन उस दिन वाजपेयी सरकार को 269 वोट मिले जबकि विपक्ष को 270 वोट मिले। ऐसे में एक वोट से वाजपेयी की सरकार गिर गई और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके अलावा उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के साथ बिताए पुराने दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि बाल ठाकरे उन्हें शरद बाबू कहते थे। उन्होंने किया अगर हाॅल में हमारे अलावा कोई होता था, तो बालासाहेब मुझसे सौहार्दपूर्ण तरीके से बात करते थे। फोन करने पर वे कहते थे, शरद बाबू क्या मैं आपसे मिलने आऊं या आप आ रहे हैं।
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