नागपुर में हुई हिंसा के बाद आरोपियों पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। कई आरोपियों के घरों पर बुलडोजर भी चलाया गया, लेकिन अब कोर्ट ने न केवल प्रशासन को फटकार लगाई है, बल्कि बुलडोजर चलाने पर भी रोक लगा दी है। बता दें कि औरंगजेब को लेकर हुए विवाद के बाद महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा हुई थी।
PTI के अनुसार, बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चल रहे मामले की सुनवाई को लेकर वकील अश्विन इंगोले ने बताया कि हाई कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है और इंजीनियर को आगे की कार्रवाई रोकने का निर्देश दिया है। अगर ऐसी कार्रवाई दोबारा देखी गई, तो अवमानना का मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट में जाएगा।
‘अधिकारी को अपनी जेब से देना होगा मुआवजा’
अश्विन इंगोले ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी, जिसमें नागपुर महानगरपालिका के प्रधान सचिव और आयुक्त को जवाब देना होगा। कोर्ट ने कहा कि संपत्ति को ध्वस्त करने वाले अधिकारी को अपनी जेब से मुआवजा देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता का घर पहले ही ध्वस्त किया जा चुका है, इसलिए इस संबंध में उचित निर्देश दिए जाने चाहिए।
VIDEO | Nagpur: On proceedings in Nagpur bench of Bombay High Court over bulldozer action against accused in recent violence, Advocate Ashwin Ingole informs, “The High Court has stopped the bulldozer action and asked the engineer to stop the further action. If such action is seen… pic.twitter.com/ar5feFMNB1
---विज्ञापन---— Press Trust of India (@PTI_News) March 24, 2025
नागपुर में भड़की थी हिंसा
औरंगजेब को लेकर नागपुर में भड़की हिंसा के बाद कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों में 21 नाबालिग भी शामिल हैं। नागपुर हिंसा मामले में आरोपी फहीम खान को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। फहीम खान के खिलाफ 21 मार्च को नोटिस जारी किय गया था। कुछ आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाया गया था, जिस पर अब कोर्ट ने लगा दी है।