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मुंबई

मुंबई में रहस्यमयी बीमारी का कहर, अब तक 20 से ज्यादा लोगों के फटे हाथ, गांव में दहशत

Mumbai News: बुलढाणा जिले में लगातार तीसरी रहस्यमयी बीमारी का सामने आना केवल एक चिकित्सा चुनौती नहीं, बल्कि एक व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का संकेत है। गांव में इस नई बीमारी को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। लोगों में डर का माहौल है। पढ़ें विनोद जगदाले की रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jun 17, 2025 22:31
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मुंबई के एक गांव में कई बीमारियों ने दी दस्तक

Mumbai News: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक के बाद एक अज्ञात बीमारियों के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है। बाल झड़ने और नाखून गिरने की रहस्यमयी बीमारी के बाद अब जिले में एक नई बीमारी ने दस्तक दी है, जिसमें लोगों के हाथ फटने लगे हैं। इसके बाद से लोगों में दहशत है।

लोगों में डर का माहौल

बुलढाणा जिले के मेहकर तहसील के शेलगांव-देशमुख गांव में अब तक 20 से अधिक लोगों के हाथों में गंभीर दरारें आ चुकी हैं। गांव में इस नई बीमारी को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। लोगों में डर का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर सर्वे किया, जिसमें बीमारी के लक्षणों की पुष्टि हुई है। त्वचा रोग विशेषज्ञों का प्रारंभिक अनुमान है कि यह स्थिति इसबगोल (psyllium husk) के संपर्क या उपयोग से जुड़ी हो सकती है, लेकिन अब तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है।

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बाल और नाखून झड़ने से भी परेशान

वहीं, बाल और नाखून झड़ने की पहली दो बीमारियों को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट भी अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही विस्तृत जांच रिपोर्ट आने की संभावना है। फिलहाल नागरिकों को सावधानी बरतने और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।

तीसरी रहस्यमयी बीमारी

बुलढाणा जिले में लगातार तीसरी रहस्यमयी बीमारी का सामने आना केवल एक चिकित्सा चुनौती नहीं, बल्कि एक व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का संकेत है। बाल झड़ना, नाखून गिरना और अब हाथों के फटने की घटनाएं यह दिखाती हैं कि यहां कोई गहरा पर्यावरणीय या रासायनिक कारण हो सकता है, जिसकी अब तक पहचान नहीं हो सकी है। अभी तक ICMR और अन्य शीर्ष वैज्ञानिक संस्थाएं किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों की चिंता और भ्रम और भी बढ़ गया है।

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First published on: Jun 17, 2025 10:23 PM

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