न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सारस्वत कोऑपरेटिव बैंक ने बीमार चल रहे न्यू इंडिया बैंक के साथ विलय के लिए आरबीआई से संपर्क किया है। यह विलय दोनों बैंकों के शेयरहोल्डर्स की मंजूरी से होगा। रिजर्व बैंक ने फरवरी में मुंबई के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक द्वारा नया लोन दिए जाने के साथ-साथ 13 फरवरी से 6 महीने के लिए जमा और विड्रॉल पर रोक लगा दी थी।
25,000 रुपये तक की विड्रॉल की परमिशन
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के कुछ अधिकारियों द्वारा पैसे के दुरुपयोग किए जाने के आरोपों के बाद रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया था। इसके बाद ऋणदाता का नेटवर्थ नेगेटिव हो गया था। इस मामले में 122 करोड़ का घोटाला सामने आया था और मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने केस दर्ज किया। इस मामले में 4 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई और अभी भी कुछ लोग फरार चल रहे हैं।
सारस्वत बैंक की 312 शाखाएं
इस मर्जर से ग्राहकों का पैसा सुरक्षित हो जाएगा। सारस्वत बैंक की देशभर में 312 शाखाएं हैं, जबकि न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की महाराष्ट्र और गुजरात में 27 शाखाएं हैं, जिनमें ज्यादातर मुंबई के आसपास हैं। सारस्वत बैंक का कुल कारोबार 91815 करोड़ का है, जबकि सारस्वत बैंक का 3560 करोड़ का है।
पिछले 3 महीने से चल रहा है काम
इस प्रोसेस से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इसपर 3 महीने से काम चल रहा है। दोनों बैंकों की कई राज्यों में मौजूदगी है और न्यू इंडिया का मुंबई में ग्राहकों का बड़ा आधार है। सारस्वत बैंक की महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, गोवा, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत 8 राज्यों में 312 ब्रांच हैं, जिसका 31 मार्च 2025 तक कुल बिजनेस 91,815 करोड़ रुपये का था। वहीं, न्यू इंडिया का बिजनेस 3560 करोड़ रुपये का है और इसकी मुंबई, पालघर, सूरत, पुणे, ठाणे और नवी मुंबई में 27 ब्रांच हैं।
ये भी पढ़ें- Maharashtra BJP के नए बॉस रवींद्र चौहान कौन हैं? जिन्हें सर्वसम्मति से चुना गया प्रदेश अध्यक्ष