मुंबई के बुलढाणा जिले के शेगांव तालुका में बाल झड़ने की घटना ने गंभीर मोड़ ले लिया। बालों के झड़ने के बाद अब नाखून भी झड़ने लगे हैं। बाल झड़ने वाले मरीजों के नाखून भी कमजोर होकर कटे-फटे हो गए हैं और गिर रहे हैं। नागरिकों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन मरीजों को अनदेखा कर रहे हैं। फिलहाल, इलाके में डर का माहौल बना हुआ है।
बता दें, बुलढाणा जिले के शेगांव में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बुलढाणा जिले के शेगांव तहसील के 3 गांव- बोंडगांव, कलवाड़ और हिंगना- के 55 से ज्यादा लोगों में अचानक और गंभीर रूप से बाल झड़ने की समस्या का सामना किया है, जिसके कारण कुछ ही दिनों में गंजापन आ गया है। बुलढाणा शहर से 80 किमी दूर स्थित इन गांवों की आबादी 1700 है, जिनमें से अधिकांश लोग खेत मालिक हैं या फिर खेत मजदूर हैं।
स्वास्थ्य विभाग की जांच जारी
तीन महीने पहले जब बाल झड़ने की घटनाएं सामने आई थीं, तब राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) से रिपोर्ट मंगाई थी। लेकिन अब तक वह रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसे में न तो बीमारी की जड़ का पता चल पाया है और न ही इसके इलाज को लेकर कोई ठोस दिशा तय की जा सकी है।
ग्रामीणों में डर और अविश्वास का माहौल
गांव के लोगों का कहना है कि पहले बच्चों और महिलाओं के बाल झड़ने लगे थे, लेकिन अब बुजुर्गों और युवाओं में भी नाखून झड़ने की घटनाएं सामने आ रही हैं। यह सिर्फ एक या दो गांवों तक सीमित नहीं है, बल्कि बोंडगांव, पिंपलगांव, चिखली और अन्य आसपास के गांवों में भी इसी तरह की शिकायतें आ रही हैं। एक ग्रामीण ने बताया, “हम लोग बेहद डरे हुए हैं। पहले सोचा था कि ये मौसम का असर होगा या किसी साबुन-तेल की वजह से ऐसा हो रहा होगा, लेकिन अब जब नाखून भी गिरने लगे हैं, तो मामला गंभीर लगता है।”
जांच में जुटा प्रशासन
स्वास्थ्य विभाग ने एक विशेष टीम गठित की है, जो इलाके में पानी, मिट्टी, खाने-पीने की चीजों और आसपास के पर्यावरण की जांच कर रही है। प्रारंभिक आशंका है कि यह किसी रासायनिक तत्व या प्रदूषित जल का असर हो सकता है। हालांकि जब तक ICMR और स्थानीय लैब की विस्तृत रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है। बुलढाणा जिले के इस रहस्यमयी स्वास्थ्य संकट ने लोगों की नींद उड़ा दी है। बाल झड़ने के बाद अब नाखून झड़ने की घटनाएं दर्शाती हैं कि यह कोई सामान्य समस्या नहीं है। जब तक इसकी असली वजह सामने नहीं आती, तब तक न तो इलाज संभव है और न ही लोगों का डर कम होगा। उम्मीद है कि स्वास्थ्य विभाग जल्द ही इसका समाधान निकाल पाएगा और ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
कब आया था मामला?
बोंडगांव के सरपंच ने बताया कि यह समस्या पहली बार 2 जनवरी को सामने आई, जब एक ही घर की 3 महिलाओं के बाल बहुत तेजी से झड़ने लगे। उन्हें 2 किमी दूर स्थित एक पब्लिक हेल्थ सेंटर में भेजा गया, तो डॉक्टरों को शक हुआ कि यह किसी खास बाल धोने वाले उत्पाद के इस्तेमाल का परिणाम है। हालांकि, जब अन्य ग्रामीणों में भी इसी तरह के मामले सामने आए, तो गांव के लोगों ने जिले के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया।
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