Manoj Jarange News: मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल आज एक बड़े हादसे का शिकार होने से बच गए। वे एक लिफ्ट में अपने समर्थकों के साथ जा रहे थे, जो अचानक फर्स्ट फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर पर धड़ाम से गिर गई। हादसा दोपहर करीब डेढ़ बजे हुआ, जो CCTV कैमरे में भी कैद हुआ है। हादसे के समय मनोज जरांगे अपने समर्थकों के साथ बीड अस्पताल में भर्ती मरीज से मिलने के लिए जा रहे थे।
CCTV फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि मनोज जरांगे पाटिल अपने समर्थकों के साथ लिफ्ट में जाते हैं। जैसे ही लिफ्ट पहली मंजिल पर पहुंचती है, वैसे ही अचानक ग्राउंड फ्लोर पर जा गिरती है। लिफ्ट में मौजूद मनोज जरांगे पाटिल और उनके समर्थक सहम जाते हैं। वे आवाज लगाकर बाहर निकलने के लिए कहते हैं तो ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद एक शख्स लिफ्ट के दरवाजे को तोड़कर उन्हें तुरंत बाहर निकालता है।
जरांगे पाटील पेशंट साठी लिफ्ट असताना सगळेच घुसल्यास.. काय होईल ?? जागेवरून हलला पण नाही अपघात म्हणून ओरडत आहेत पत्रकार. 😄 pic.twitter.com/xzekipqBRg
— Ram. (@fornaxAR) August 3, 2025
शिवाजी हॉस्पिटल की लिफ्ट नीचे गिरी
मनोज जरांगे ने बताया कि वे आज बीड में थे और शिवाजी राव क्रिटिकेयर हॉस्पिटल में एक मरीज से मिलने जा रहे थे। वार्ड तक जाने के लिए उन्होंने लिफ्ट ली और उनके साथ 10-12 समर्थक भी थे। जैसे ही लिफ्ट ऊपर जाने लगी, धड़ाम से नीचे गिर गई। गनीमत रही कि हादसे में कोई भी जख्मी नहीं हुआ। हालांकि हादसा किस वजह से हुआ, यह अभी पता नही चल सका है। क्या लिफ्ट में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी थी? या फिर लिफ्ट में जरूरत से ज्यादा लोग चढ़ गए थे? हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने जांच कराने का दावा किया है।
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कौन हैं मनोज जरांगे?
मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण कार्यकर्ता हैं। वे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव के निवासी हैं। वे साल 2011 से मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कोटे के तहत नौकरियों और एजुकेशन में आरक्षण की मांग करते हुए आंदोलनरत हैं। आरक्षण की मांग करते हुए साल 2023 तक वे 30 से ज्यादा बार भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं और विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। वे लगातार मराठा आरक्षण देने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
हालांकि उनकी मांग को देखते हुए फरवरी 2024 में महाराष्ट्र सरकार ने मराठाओं को 10% आरक्षण अलग से दिया था, लेकिन जरांगे ने इसे OBC कोटे में शामिल करने की मांग की और सरकार के फैसले को खारिज कर दिया। अब वे मराठा आरक्षण आंदोलन को और तेज करने के लिए सामूहिक अनशन कर सकते हैं।