नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में रविवार को अचानक उथल-पुथल मच गई। एनसीपी नेता अजित पवार ने विधायकों की बैठक बुलाई और इसके बाद कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और दिग्गज नेता छगन भुजबल के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। जबकि 8 एनसीपी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है। दावा किया जा रहा है कि अजित पवार के साथ 40 विधायक हैं।
कुछ विधायक कंफ्यूजन में चले गए
इस बीच महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा- अजित पवार विरोधी पक्ष के नेता के रूप में काम कर रहे थे। आज कुछ विधायकों ने बिना पार्टी के सहमति के शपथ ली। विधिमंडल के कार्यकर्ता और नेता इस घटना से दुखी हैं। एनसीपी के सभी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं। उन्होंने ये भी दावा किया कि कुछ विधायक कंफ्यूजन में चले गए।
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गुमराह कर सिग्नेचर कराए गए
पाटिल ने आगे कहा- जिन आठ सदस्यों ने शपथ ली है, उनको छोड़कर बाकी लोगों को हम दोष नहीं देते क्योंकि कई लोगों को गुमराह कर सिग्नेचर कराए गए हैं। कई सिग्नेचर किए विधायक हमारे संपर्क में हैं। मुझे पता चला है कि बहुत से विधायकों ने आश्वासन दिया गया है। पाटिल ने कहा कि 5 तारीख को एनसीपी के सभी पदाधिकारियों की यशवंत राव चव्हाण सेंटर में बैठक होगी। मुझे विश्वास है जिस तरह से शरद पवार के नेतृत्व को महाराष्ट्र ने स्वीकारा है आगे भी स्वीकारेगी।
जितेंद्र आव्हाड का प्रमोशन
इस बीच अजित पवार की बगावत के बाद जितेंद्र आव्हाड का प्रमोशन कर उन्हें विपक्ष का नेता और NCP के मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। वहीं 44 विधायकों वाली कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा- “पूरी तस्वीर अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन एनसीपी से नेता प्रतिपक्ष क्यों होगा? अजित पवार ने कहा है कि उनके साथ 40 विधायक हैं, तो इससे एनसीपी के पास केवल 13 विधायक बचेंगे। इस पर स्थिति शरद पवार से बात करके ही तय हो पाएगी, लेकिन हम सब मिलकर पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे।
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