Maharashtra News: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपनी पार्टी के मंत्रियों के साथ सहयाद्रि गेस्ट हाउस में एक विशेष बैठक बुलाई, जिसका मकसद आगामी नगर पंचायत और महानगरपालिका चुनावों की रणनीति तय करना था। लेकिन बैठक में चुनावी चर्चा से ज्यादा, मंत्रियों की शिकायतों का दौर चला। बताया जा रहा है कि इस दौरान सभी निशाने उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार थे।
मंत्रियों की शिकायत, “फंड नहीं, काम कैसे करें?”
बैठक में दो मंत्रियों ने खुलकर कहा कि अजित पवार के वित्त मंत्रालय से उनके विभागों को समय पर फंड नहीं मिल रहा, जिससे विकास कार्य अटक रहे हैं। उन्होंने फंड आवंटन में भेदभाव का भी आरोप लगाया। एक मंत्री ने यहां तक कहा कि सामाजिक न्याय विभाग की स्वीकृत राशि में से 413 करोड़ रुपये बिना पूछे निकाल लिए गए, जिससे वंचित वर्गों के लिए योजनाएं प्रभावित हुईं ।
शिंदे का आश्वासन, “समस्या जल्द सुलझ जाएंगे”
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभी मंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि फंड से जुड़ी समस्याएं जल्द सुलझा ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं और आवश्यक कदम उठाएंगे।
महायुति में बढ़ती दरार?
यह पहली बार नहीं है जब शिंदे गुट के मंत्री अजित पवार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। पहले भी कैबिनेट की बैठकों में फंड आवंटन को लेकर विवाद सामने आ चुके हैं। हाल ही में,एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर वित्त विभाग से संबंधित फाइलों की मंजूरी में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की थी ।
चुनावी तैयारी या अंदरूनी खींचतान?
बैठक का मकसद आगामी चुनावों की रणनीति बनाना था, लेकिन अंदरूनी खींचतान का मुद्दा हावी हो गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह मतभेद समय रहते नहीं सुलझे, तो महायुति गठबंधन की चुनावी तैयारियों पर असर पड़ सकता है।