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मुंबई

‘दादा, क्या हुआ तेरा वादा?’ किसानों की कर्जमाफी को लेकर भड़की कांग्रेस, अजित पवार से पूछे सवाल

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की ओर से किसानों की कर्जमाफी को लेकर दिए गए बयान के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। वित्त मंत्री अजित पवार ने अब किसानों की कर्जमाफी से मुंह मोड़ लिया है। अजित पवार ने कहा मैं महाराष्ट्र के किसानों से साफ-साफ कह रहा हूं कि वे 31 मार्च तक अपनी फसल कर्ज की राशि बैंकों में जमा करा दें।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 29, 2025 18:09
Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार।

महाराष्ट्र के किसानों की कर्जमाफी को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा है कि मैंने सदन में जवाब देते हुए भी कहा था कि सब पर ढोंग किया जा सकता है, लेकिन पैसे के मामले में ऐसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने अपने भाषण में कभी भी किसानों की कर्जमाफी के बारे में बयान नहीं दिया है। अजित पवार ने कहा मैं महाराष्ट्र की किसानों से स्पष्ट तौर पर कह रहा हूं वे 31 मार्च तक अपना फसल लोन की राशि बैंकों में जमा करा दें।

‘चुनावी वादे हमेशा कार्रवाई में तब्दील नहीं होते’

उन्होंने स्वीकार किया कि चुनावी वादे हमेशा कार्रवाई में तब्दील नहीं होते हैं और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिए जाएंगे। हालांकि, अभी किसानों को कर्ज चुकाना होगा। उन्होंने कहा कि सकारात्मक बात यह है कि किसानों के लिए जीरो फीसदी ब्याज पर लोन उपलब्ध होंगे।

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अजीत पवार ने क्या कहा?

पवार ने कहा, ‘चाहे महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस हों या डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, उनका ध्यान लोगों के कल्याण के लिए काम करने पर रहता है। हाल ही में कई नागरिकों ने चुनाव घोषणापत्र में कर्जमाफी के वादे के बारे में चिंता जताई थी। मैं इस कार्यक्रम के माध्यम से महाराष्ट्र के लोगों को स्पष्ट रूप से सूचित करना चाहता हूं कि वे 31 मार्च तक अपने फसल लोन चुका दें। चुनावों के दौरान किए गए वादे हमेशा सीधे तौर पर काम में नहीं आते। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए, भविष्य में निर्णय लिए जाएंगे। हालांकि, अभी और अगले साल भी, लिए गए लोन को चुकाना होगा। सकारात्मक बात यह है कि 0% ब्याज पर ऋण लेने की व्यवस्था की गई है।’

पवार के बयान के बाद विपक्षी दल हमलावर

इस बयान के बाद राज्य के विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि महाराष्ट्र में जिन लोगों को जनता ने भारी बहुमत देकर सत्ता में बिठाया था, वे अब ऐसी बातें करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कर्जमाफी का वादा कर महायुति राज्य के किसानों के वोट जीतकर सत्ता में आई थी, लेकिन अब वे जोर देकर कह रहे हैं कि आप 31 मार्च तक अपने फसल लोन का भुगतान कर दें।

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‘दादा, आपके वादे का क्या हुआ?’

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार का कर्जमाफी नहीं होने वाला बयान किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। सपकाल ने नाराजगी जताते हुए सवाल पूछा है, ‘दादा, आपके वादे का क्या हुआ?’

उल्हासनगर में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने आगे कहा कि चुनाव प्रचार और घोषणापत्र में महायुति ने किसानों की कर्जमाफी और 10 लाख रुपये देने का वादा किया था। प्यारी बहनों को 2,100 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन आज भी केवल 1,500 रुपये की राशि लाडकी बहनों को दी जा रही है।

‘65,000 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ किए गए’

बारामती में 28 मार्च को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि ‘राज्य की वित्तीय जिम्मेदारियां हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 7.20 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है, जिसमें लगभग 65,000 करोड़ रुपये के बिजली बिलों को माफ करने की घोषणा की गई है। पवार ने जोर देकर कहा कि सरकार को इन माफ किए गए बिजली शुल्क का बिल चुकाना पड़ता है, जो एक बड़ा खर्च है। पवार ने कहा, ‘जो कुछ भी कहा गया वह सीधे तौर पर अमल में नहीं आता है, क्योंकि 7.20 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश करते समय लगभग 65,000 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ किए गए हैं यानी आपको नहीं बल्कि हमें यानी सरकार को इसका भुगतान करना है।’ 

‘लाडकी बहना योजना से 45 हजार करोड़ का बोझ’

उन्होंने कहा कि कहा कि लाडकी बहना योजना की वजह से सरकार पर 45 हजार करोड़ का बोझ बढ़ गया है और बाकी कामों के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं। सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन, सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन, सरकार द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज का भुगतान करने में मुझे 3.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। पवार ने आगे कहा, ‘अगर हम 65,000 करोड़ रुपये और 3.5 लाख करोड़ रुपये जोड़ दें, तो इसमें लगभग 4.25 लाख करोड़ खर्च होते हैं। बाकी पैसे से मुझे स्कूल की किताबें, यूनिफॉर्म, बिजली, पानी, सड़क आदि पर खर्च करना है। आप लोगों को भी इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए।’ 

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Mar 29, 2025 06:09 PM

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