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मुंबई

महाराष्ट्र के धुले में बदहाल हुआ जल शुद्धीकरण केंद्र, बंद कैमरे बने खतरे की घंटी

Maharashtra News: महाराष्ट्र के धुले शहर के लोग इन दिनों साफ पानी के लिए परेशान हैं। दरअसल, धुले शहर का बाबले जल शुद्धीकरण केंद्र इस समय जर्जर हो चुका है। केंद्र का हर कोना खराब स्थिति में है। पढ़ें धुले से पवन मराठे की रिपोर्ट...

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Pooja Mishra Updated: Jul 28, 2025 19:50
Maharashtra News
जल शुद्धीकरण केंद्र बदहाल (News24)

Maharashtra News: महाराष्ट्र के धुले शहर की प्यास बुझाने वाला बाबले जल शुद्धीकरण केंद्र इन दिनों खुद ही बदहाली की मार झेल रहा है। यहां का हर कोना किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है। रिसाव, सुरक्षा की कमी, झाड़ियों से घिरा परिसर, बंद पड़े सीसीटीवी कैमरे और आवारा जानवरों की आवाजाही ने इस अहम केंद्र की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

क्या धुलेकरों का पानी सुरक्षित है?

मराठा क्रांती मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रदीप जाधव ने बाबले जल शुद्धीकरण केंद्र की हालत पर कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि ‘यह सिर्फ एक पानी का टैंक नहीं है, बल्कि लाखों लोगों की सेहत का सवाल है। उन्होंने आगे पूछा कि जब इस केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था ही चरमरा गई है, तो क्या यहां से सप्लाई होने वाला पानी सुरक्षित माना जा सकता है?

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लीक कर रही हैं दीवारें, दरक रहे हैं भवन

करीब 35-40 साल पुराने इस केंद्र की इमारतें जर्जर हो चुकी हैं। दीवारों से पानी रिस रहा है, कई कमरों की खिड़कियां और दरवाजे टूट चुके हैं, जिससे कर्मचारी असुरक्षित और असुविधा में काम करने को मजबूर हैं।

सिर्फ 10 कर्मचारियों के भरोसे पूरी व्यवस्था

एक और हैरान करने वाली बात यह है कि इतने बड़े शुद्धीकरण केंद्र की देखभाल सिर्फ 10 कर्मचारियों पर छोड़ी गई है। ऊपर से सुरक्षा की निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे भी बंद पड़े हैं। महज कुछ दिन पहले ही सोनगिर जलकुंड में एक मरा हुआ सूअर पाया गया था। अब बाबले केंद्र के परिसर में भी आवारा जानवरों का खुलेआम घूमना इसी तरह की किसी अनहोनी की आहट दे रहा है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।

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10 साल की मांग, सुधार सिर्फ दीवारों तक सीमित

यहां के स्थानीय कर्मचारियों ने पिछले 10 सालों में कई बार नगर निगम को केंद्र की हालत को सुधारने के लिए पत्र लिखकर अपील की है, लेकिन अभी तक केवल सुरक्षा दीवार का काम ही किया गया है। बाकी सभी जरूरी सुधार अधर में लटके हुए हैं। इस पर धुले महानगरपालिका की आयुक्त डॉ. अमिता डगडे पाटिल ने केंद्र की बदहाली स्वीकारते हुए कहा कि ‘अमृत योजना के तहत सुधार कार्यों की शुरुआत जल्द की जाएगी।’ उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि केंद्र की स्थिति को गंभीरता से लिया जा रहा है।

First published on: Jul 28, 2025 07:50 PM

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