Maharashtra 10 Lakh Vehicles Without HSRP: महाराष्ट्र सरकार की तरफ से एक बड़ी जानकारी सामने आई है। इसमें बताया गया है कि राज्य में करीब 10 लाख गाड़ियां बिना हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) के चल रही हैं। मालूम हो कि राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड सभी गाड़ियों के लिए HSRP को अनिवार्य कर दिया था। इसके लिए समय सीमा को भी 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी राज्य में आज भी 10 लाख नई कारें HSRP के बिना चल रही हैं।
हाय सिक्युरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) चे वाहनधारकांना फायदे
---विज्ञापन---1. वाढलेली सुरक्षा:
डुप्लिकेशन रोखते – HSRP वर युनिक लेझर ईचींग केलेला क्रमांक (दहा अंकी पिन) आणि क्रोमियम-आधारित होलोग्राम असतो, ज्यामुळे बनावट नंबर प्लेट तयार करणे कठीण होते.टँपर-प्रूफ – एकदा बसवल्यानंतर प्लेट… pic.twitter.com/PNL3GETYhR
---विज्ञापन---— Pravin Alai (प्रविण अलई) (@PravinAlai) February 28, 2025
क्यों अनिवार्य है HSRP?
पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी गाड़ियों के लिए HSRP को अनिवार्य करने का उद्देश्य गाड़ियों की चोरी पर रोक लगाना है। इसके अलावा, इससे पहचान में यूनिफॉर्मिटी भी आती है। नई खरीदी गई गाड़ियों पर HSRP लगाने की जिम्मेदारी ऑटोमोबाइल निर्माताओं पर डाल दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 5 सालों में महाराष्ट्र में रजिस्टर्ड 1.15 करोड़ गाड़ियों में से 1.05 करोड़ में HSRP लगाई गई है। वहीं, बाकी की 9.98 लाख गाड़ियां बिना HSRP के चल रही हैं। बता दें कि बिना HSRP वाली गाड़ियों की लिस्ट में कई सरकारी वाहन भी शामिल हैं।
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क्या है HSRP नियम?
इसने महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त कार्यालय ने अप्रैल 2019 के बाद रजिस्टर्ड गाड़ियों के खिलाफ पिछले महीने एक स्पेशल अभियान शुरू करने के लिए RTO को निर्देश दिया है। इसके बाद भी राज्य में अभी भी HSRP के बिना गाड़ियां चल रही हैं। HSRP नियम के अनुसार गाड़ियों के विंडशील्ड के अंदर के हिस्से में रजिस्ट्रेशन डिटेल अंकित करते हुए क्रोमियम आधारित होलोग्राम स्टिकर लगाना अनिवार्य है। हालांकि, दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों को इससे छूट है।