Maharashtra Liquor Price Hike: राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में चल रही महायुति की सरकार शराब के दाम बढ़ाने का विचार कर रही है। शराब से कैसे राजस्व को बढ़ाया जा सके इस पर अध्ययन के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है।
विधानसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चल रही महायुति की सरकार ने जनता से कई लोकलुभावने वादे किए हैं, जिन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए पैसों की जरूरत है। इसे लागू करने में सरकार की तिजोरी पर ज्यादा भार पड़ेगा। इसी बोझ को कम करने के लिए सरकार शराब पर टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
5 सदस्यीय समिति का गठन
महाराष्ट्र सरकार ने शराब से इनकम को कैसे बढ़ाए, इसके लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति शराब के उत्पादन और बिक्री की संभावना पर अध्ययन करेगी। समिति का गठन गृह निर्माण विभाग के अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में किया गया है, जिसमें वित्त, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, राज्य जीएसटी आयुक्त और उत्पाद शुल्क आयुक्त समिति के सदस्य रहेंगे। इस समिति को शराब उत्पादन बढ़ाने, शराब के नए लाइसेंस जारी करने सहित आय बढ़ाने के अन्य साधनों पर अध्ययन करने का काम सौंपा गया है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि समिति राज्य का राजस्व बढ़ाने की सिफारिश कर सकती है।
सरकार को पैसों की जरूरत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों द्वारा लाड़ली बहन योजना की सहायता राशि बढ़ाने, किसानों की कर्ज माफी, मुफ्त बिजली जैसे कई लोक लुभावने वादे किए गए थे। अब इसे पूरा करने के लिए सरकार को पैसे की जरूरत है। इसे पूरा करने के लिए सरकारी तिजोरी पर अतिरिक्त भार न पड़े, इस लिए सरकार आने वाले समय में शराब के दाम बढ़ाकर आय को बढ़ाएगी।
आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद ही कर्ज माफी
कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिक राव कोकाटे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति न अच्छी है और न बुरी है। किसानों की कर्ज माफी का विषय सहकार विभाग में आता है। सहकार विभाग के जरिए ही लिस्ट मंगाई जाती है। हमारे कृषि विभाग के पास वो काम नहीं है, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री उस पर फैसला लेंगे। फिलहाल, जानकारी लेने का काम शुरू हो गया है और जब राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, तो फिर 4 से 6 महीने में फैसला लिया जाएगा।
किसानों की कर्ज माफी अटकी?
कृषि मंत्री कोकाटे ने यह भी कहा कि लाड़ली बहन योजना की वजह से आर्थिक बोझ बढ़ा है। इसलिए किसानों के लिए थोड़ा सरप्लस करते नहीं हो रहा है। इसके लिए थोड़ा आगे-पीछे कर रहे हैं। किसानों को लेकर कभी न कभी निर्णय लेंगे।