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क्या शरद पवार को लगने वाला है एक और बड़ा झटका? कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावेदारी पेश की

Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और पार्टी चीफ शरद पवार को एक और झटका लग सकता है। एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी ने जितेंद्र आव्हाड को विपक्ष का नया नेता नियुक्त कर दिया। हालांकि अब पार्टी को अपने गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस से चुनौती का सामना […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Jul 4, 2023 12:30
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Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और पार्टी चीफ शरद पवार को एक और झटका लग सकता है। एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी ने जितेंद्र आव्हाड को विपक्ष का नया नेता नियुक्त कर दिया। हालांकि अब पार्टी को अपने गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कांग्रेस ने संख्याबल के आधार पर नेता प्रतिपक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी की है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता की नियुक्ति को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इससे पहले एनसीपी के पास अपने विधायकों की बड़ी संख्या को देखते हुए विपक्ष के नेता का पद था। हालांकि, अजित पवार के 40 विधायकों के अपने साथ होने के दावे से सत्ता का संतुलन बदल गया है। कांग्रेस के पास अब 45 विधायक हैं, लिहाजा पार्टी ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है जिससे विपक्ष का नेता नियुक्त करने की लड़ाई तेज हो गई है।

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एक से दो दिनों में तस्वीर साफ होने की उम्मीद

अतुल लोंढे ने कहा कि विपक्ष का नेता एनसीपी से क्यों था? क्योंकि उनके पास ज्यादा विधायक थे, लेकिन अब कांग्रेस के पास 45 विधायक हैं। जैसा कि अजित पवार ने दावा किया है कि उनके पक्ष में 40 विधायक हैं तो ऐसे में शरद पवार के खेमें में 13 विधायक बच जाएंगे, लिहाजा संख्याबल के आधार पर अपनी दावेदारी मजबूत है। उन्होंने कहा कि एक से दो दिन में तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।

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लोंढे ने इस बात पर जोर दिया कि विधानसभा में सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी विपक्ष का नेता नियुक्त करने की हकदार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक स्वीकृत फॉर्मूला है और इस पर किसी को आपत्ति नहीं हो सकती। उनके मुताबिक, कांग्रेस को कुछ भी दावा करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि फॉर्मूला ही इस पद के लिए उनकी पात्रता सुनिश्चित करता है।

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नेता प्रतिपक्ष पद पर नियुक्ति का मामला राज्य में राजनीतिक चर्चा का नया विषय हो सकता है। अब प्रश्न यह है कि क्या पवार खेमा स्वेच्छा से नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस के लिए छोड़ देगा, या इससे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में गहरी दरार पैदा हो जाएगी? इसके अलावा, अगर कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष को सफलतापूर्वक हासिल कर लेती है, तो पवार खेमे के साथ जुड़े बाकी विधायक क्या कदम उठाएंगे?

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Om Pratap

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Manish Shukla

First published on: Jul 03, 2023 01:11 PM

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