---विज्ञापन---

एकनाथ शिंदे के दौरे के बाद ‘पूर्व पुलिस मुखबिर’ की पत्थरों से हत्या

Maoists killed in Gadchiroli, Maharashtra : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में माओवादियों ने पुलिस के तथाकथित इनफॉर्मर रहे दिनेश गडवे की हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार माओवादियों ने उन्हें पत्थरों से पीट-पीटकर मार डाला।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Nov 17, 2023 13:02
Share :
Chhattisgarh BJP Leader Murder, Naxalites, Pamphlets, BJP Leader Murder, Chhattisgarh Crime, Crime News, Hindi News, Chhattisgarh News

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में माओवादियों ने पुलिस के तथाकथित मुखबिर रहे दिनेश गडवे की हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार माओवादियों ने उन्हें पत्थरों से पीट-पीटकर मारा। इसके बाद शव को क्षत-विक्षत छोड़कर चले गए। यही नहीं, शव के साथ एक कागज पर संदेश भी लिखकर छोड़ गए हैं। इस कागज पर लिखा गया है कि मृतक व्यक्ति पुलिस का मुखबिर रह चुका है। हालांकि पुलिस इनफॉर्मर होने की बात से इंकार कर रही है। इस घटना के बाद इलाके में डर का माहौल है।

ये भी पढ़ेंः महिला डॉक्टर का रेपिस्ट गिरफ्तार, बेहोशी में रेप कर खींची थीं अश्लील तस्वीरें 

तमाम जानकार इस हत्या को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के दौरे से जोड़कर देख रहे हैं, लेकिन पुलिस ने इसे बदले की वारदात बताया है। दरअसल, सीएम एकनाथ शिंदे ने बुधवार को गढ़चिरौली जिले के दंडकारण्य इलाके में पीपली बुर्गी पुलिस स्टेशन का दौरा किया। यहां पर कंमाडो की पूरी टीम से मुलाकात की थी। साथ ही उन्होंने नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म करने का संदेश दिया था। दिनेश गडवे की हत्या को इसी मैसेज से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि सीएम एकनाथ शिंदे के इस संदेश से गुस्साए माओवादियों ने इस हत्या को अंजाम दिया है। वहीं, इलाके की पुलिस इस बात से इंकार कर रही है। पुलिस का कहना है कि यह हत्या माओवादियों ने बदला लेने के इरादे से की है।

दरअसल, हाल ही में गढ़चिरौली के ग्राम पंचायत चुनाव हुए थे। माओवादियों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था लेकिन इसके बाद भी लगभग 65 प्रतिशत मतदान हुआ। पुलिस के अनुसार माओवादी इससे भड़के हुए हैं और ग्रामीणों के सख्त संदेश देने के लिए दिनेश गडवे की हत्या की है।

 

https://twitter.com/soumitraboseTOI/status/1725003308308599027?ref_src=twsrc%5Egoogle%7Ctwcamp%5Eserp%7Ctwgr%5Etweet

दिनेश गडवे की उम्र 27 साल थी। उन्होंने पिछले साल पंचायत चुनाव भी लड़ा था, हालांकि उसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। वह भामरागढ़ तालुका में रहते थे और अपने ट्रैक्टर भी चलवाते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक गावड़े बुधवार देर रात अपनी बाइक से नेलगोंडा की ओर जा रहे थे। वह एक खेल प्रतियोगिता में भाग लेने गए थे। इसी दौरान भामरागढ़ क्षेत्र समिति के माओवादियों ने उन्हें पकड़ लिया और उन्हें पत्थरों से मारा गया। अगले दिन उनका शव मोरखंडे गांव के पास पाया गया। हत्या इतनी दर्दनाक थी कि गडवे का चेहरा पूरी तरह से कुचल भी दिया गया। इसके बाद एक पर्चा मौके पर छोड़कर माओवादी चले गए। पुलिस के अनुसार, माओवादियों ने पर्चे पर संदेश लिखा है, जिसमें उसे बिज्जू कुमरे नामक पुलिसकर्मी से जुड़ा व्यक्ति बताया है और पुलिस का पुराना जासूस कहा है। हालांकि पुलिस ने जासूस होने की बात को गलत बताया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि एरिया कमेटी के डिविजनल कमेटी सदस्य राजू वेलादी ने हत्या की साजिश रची थी। इलाके में यह इस साल की दूसरी हत्या है। इससे पहले इसी साल साईंनाथ नरोटे नाम के व्यक्ति की हत्या भी माओवादी कर चुके हैं।

ये भी पढ़ेंः घिनौनी घरेलू हिंसा: महिला को कैल्शियम कैप्सूल में दे दिए पति ने ब्लेड के टुकड़े

वहीं, एकनाथ शिंदे के गढ़चिरौली दौरे की बात करें तो उनके दौरे का उद्देश्य क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास करके नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाना था। एकनाथ शिंदे की सरकार नक्सलियों पर नियंत्रण के लिए पूरी तरह पुलिस व सैन्य बलों पर निर्भर रहने की बजाय क्षेत्र के विकास की रणनीति पर भी काम कर रही है। इसके अलावा पिछले एक दशक में क्षेत्र में पुलिस स्टेशनों और इंडस्ट्री की संख्या में भी इजाफा किया गया है। राज्य सरकार गढ़चिरौली इलाके में इंवेस्टमेंट बढ़ा रही है और नक्सल गतिविधियों को रोकने का प्रयास कर रही है। अब दिनेश गावड़े की हत्या के बाद क्या एक्शन होता है, इस पर क्षेत्र के लोगों की नजरें लगी हुई हैं।

 

 

First published on: Nov 17, 2023 12:25 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें