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मुंबई

ED ने मुंबई और हैदराबाद में की छापेमारी, टाउन प्लानिंग का अधिकारी निकला धन कुबेर

Mumbai News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई में बड़े पैमाने पर करप्शन का खुलासा किया है। ED का दावा कि वसई-विसरे में पिछले करीब डेढ़ दशक से रियल एस्टेट माफिया और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा स्कैम किया जा रहा था। इस दौरान ED ने भारी कैश और हीरे-जड़े गहने और सोना जब्त किया है। मुंबई से अंकुश जायसवाल की रिपोर्ट।

Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: May 15, 2025 22:35
Mumbai News, Enforcement Directorate, Hyderabad, real estate scam, प्रवर्तन निदेशालय छापेमारी
ED ने मुंबई और हैदराबाद में की छापेमारी

Mumbai News: मुंबई से स्टे वसई-विरार में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान वसई-विरार में पिछले करीब डेढ़ दशक से जारी अवैध निर्माण रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 और 15 मई को मुंबई और हैदराबाद में 13 ठिकानों पर छापेमारी कर करीब 9.04 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये के हीरे-जड़े गहने और सोना जब्त किया है। ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई।

क्या है पूरा मामला?

ED की यह जांच मीरा-भायंदर पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। इन एफआईआर में वसई-विरार महानगरपालिका (VVMC) क्षेत्र में सरकारी और निजी जमीन पर अवैध इमारतें खड़ी करने के आरोप थे। जांच में सामने आया कि 2009 से अब तक 41 अवैध इमारतें उन जमीनों पर बना दी गईं जो असल में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित थीं। डेवलपर्स ने नकली मंजूरी दिखाकर इन इमारतों को आम लोगों को बेच दिया।

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जनता को धोखे में रखकर करोड़ों की कमाई

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन इमारतों को बेचते समय बिल्डरों को पता था कि ये पूरी तरह अवैध हैं और एक दिन गिरा दी जाएंगी। फिर भी उन्होंने झूठे वादों और फर्जी कागजातों से लोगों को गुमराह किया। प्रभावित परिवारों ने बाद में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 जुलाई 2024 को सभी इमारतों को गिराने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका भी खारिज हो गई। आखिरकार VVMC ने 20 फरवरी 2025 तक सभी 41 इमारतों पर तोड़क कार्यवाही की|

कौन हैं घोटाले के पीछे?

ED की जांच में इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड सीताराम गुप्ता और अरुण गुप्ता को बताया गया है। ये दोनों कई अन्य बिल्डरों के साथ मिलकर जमीन हथियाने और फर्जीवाड़े का जाल बुनते रहे। हैरानी की बात यह है कि VVMC के वरिष्ठ अधिकारी भी इस साजिश में शामिल पाए गए। जब VVMC के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ टाउन प्लानिंग वाई. एस. रेड्डी के यहां छापेमारी हुई, तो वहां से अकेले 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ के हीरे व बुलियन बरामद हुए। इस कार्रवाई ने महाराष्ट्र में रियल एस्टेट माफिया और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे एक बड़े स्कैम का पर्दाफाश किया है, जिसमें आम लोगों को फर्जी दस्तावेजों के जरिये अवैध इमारतों में घर बेचे गए|

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First published on: May 15, 2025 10:30 PM

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