Who is Dinesh Nandwana: बीते दिन मुंबई से एक बड़ी खबर सामने आई। वक्रांगी ग्रुप के सीएमडी दिनेश नंदवाना की अचानक मौत हो गई। उनकी मौत की वजह हार्ट अटैक को बताया जा रहा है। दिनेश नंदवाना का नाम फोर्ब्स की लिस्ट में शामिल था। फोर्ब्स ने 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में दिनेश को 88वें नंबर पर रखा था।
ED ने घर पर मारा था छापा
दिनेश के भतीजे योगेंद्र नंदवाना के अनुसार गुरुवार को दिनेश ने शादी की 25वीं सालगिरह मनाई थी। इस दौरान उन्होंने पत्नी के साथ प्रयागराज के महाकुंभ में स्नान किया। शुक्रवार को वो मुंबई वापस लौटे थे। तभी उनके अंधेरी स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का छापा पड़ा। उस दौरान दिनेश अपने ऑफिस में थे। ऑफिस में ही दिनेश को अचानक हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया।
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1990 में रखी कंपनी की नींव
दिनेश नंदवाना राजस्थान के कोटा से ताल्लुक रखते हैं। कोटा के कैथून में पले-बढ़े दिनेश के पिता बिरधीलाल वकील और ताऊ ब्रजवल्लभ विधायक थे। 1984 में दिनेश CA की पढ़ाई के लिए मुंबई चले गए। 1990 में उन्होंने मुंबई में वक्रांगी सॉफ्टवेयर कंपनी की शुरुआत की थी। बेहद कम समय में कंपनी की वर्किंग कैपिटल 50,000 करोड़ तक पहुंच गई थी।
2 साल में मिली कामयाबी
1992 में वक्रांगी सॉफ्टवेयर आधार कार्ड बनाने वाली देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई। आंकड़ों की मानें तो कंपनी के काउंटरों पर 20 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड बने थे। इसी के साथ वक्रांगी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्टेड हो गई। दिनेश नंदवाना अरबपति बन गए। 2017 की फोर्ब्स लिस्ट के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 1.72 बिलियन डॉलर (1,49,10,91,22,000 रुपए) थी।
कोटा से नहीं छूटा नाता
अरबपति बनने के बाद भी दिनेश हमेशा कोटा से जुड़े रहे। कोटा के जिस स्कूल में दिनेश ने पढ़ाई की थी, वहां उन्होंने स्टेडियम बनवा दिया है। वक्रांगी के अंतर्गत अब 5 कंपनियां शुरू हो गई हैं। दिनेश के 2 बच्चे हैं। उनका बेटा CA और बेटी IIT इंजीनियर है।
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