BJP Candidate Ram Shinde: महायुति में मंत्रिमंडल की शपथ के बाद हर किसी को पोर्टफोलियो के बंटवारे का इंतजार है। इस बीच खबर है कि महायुति में एक बार फिर दरार की खबर है। जानकारी के अनुसार विधान परिषद अध्यक्ष चुनाव को लेकर बीजेपी के एमएलसी राम शिंदे ने बुधवार को नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान एकनाथ शिंदे उनके साथ नहीं थे। जबकि अजित पवार और सीएम देवेंद्र फडणवीस वहां मौजूद थे। ऐसे में सियासी गलियारों में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि महायुति में सबकुछ ठीक नहीं है। राम शिंदे की उम्मीदवारी को शिवसेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। शिवसेना चुनाव परिणाम के बाद से ही इस पद पर अपना दावा कर रही थी।
शिवसेना की ओर से विधानपरिषद उपाध्यक्ष नीलम गोरे इस चुनाव में संभावित उम्मीदवार मानी जा रही थी। नॉमिनेशन के बाद राम शिंदे ने कहा कांग्रेस ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनकी ओर से कोई नामांकन नहीं होगा। ऐसे में यह चुनाव निर्विरोध होगा। यह अच्छा संदेश गया है। मैं सीएम फडणवीस और दोनों डिप्टी सीएम का धन्यवाद करता हूं। बीजेपी और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं के बीच इसको लेकर चर्चा हो सकती है।
ये भी पढ़ेंः Chhagan Bhujbal को मंत्री क्यों नहीं बनाया गया? महाराष्ट्र की सियासत में 4 वजहों की चर्चा
शिंदे के पास है उपाध्यक्ष का पद
बता दें कि विधान परिषद अध्यक्ष चुनाव के लिए 2022 और 2023 में शिवसेना और एनसीपी के विभाजन के कारण नहीं हो पाए थे। बीजेपी के पास विधान परिषद् में बहुमत है, ऐसे में शिवसेना को अध्यक्ष पद नहीं मिलना उसके लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बीजेपी के पास पहले से ही विधानसभा अध्यक्ष का पद है। ऐसे में अब दोनों सदनों में अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा हो गया है।
बीजेपी ने विधायक राम शिंदे को अध्यक्ष पद के लिए चुना हैं वे धनगर समुदाय से आते हैं। राम शिंदे करजेत-जामखेड से विधायक थे। वे 2019 और 2024 में एनसीपी के रोहित पवार से हार गए थे।
ये भी पढ़ेंः Chhagan Bhujbal जॉइन करेंगे भाजपा! दोनों को एक दूजे से क्या होंगे फायदे?