Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की एंट्री शिवसेना-भाजपा के गठबंधन में दरार डाल सकती है। दरअसल, सूत्रों के मुताबिक खबर है कि देवेंद्र फडणवीस के पास से वित्त मंत्रालय लेकर अजित पवार को दिया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि अगर एनसीपी को महत्वपूर्ण वित्त विभाग का आवंटन हो जाता है तो फिर ये अजित पवार की एनसीपी के लिए बड़ी जीत होगी। वहीं, भाजपा विधायकों के चेहरे पर एक तमाचा भी होगा जो अपने नए गठबंधन सहयोगी को ज्यादा जमीन देने को तैयार नहीं हैं। बता दें कि अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट के सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बनने के बाद से फड़णवीस और शिंदे खेमे के विधायकों के बीच असंतोष की सुगबुगाहट तेज हो गई थी।
विभागों का बंटवारा ही कैबिनेट विस्तार में देरी का कारण
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार में देरी का कारण अजित पवार के खेमे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच वित्त और योजना विभागों को लेकर गतिरोध है। सूत्रों ने कहा कि अजित पवार अपनी पार्टी के लिए वित्त और सहकारी मंत्रालय चाहते हैं, लेकिन शिंदे खेमा इससे नाखुश है।
बता दें कि 10-11 जुलाई को शिंदे उनके डिप्टी फड़णवीस और अजित पवार के बीच देर रात बातचीत हुई थी। इसके बाद राकांपा के सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल ने बुधवार को कहा कि विभागों के वितरण का मुद्दा सुलझ गया है और विभागों का आवंटन एक या दो दिन में हो जाएगा। पटेल ने पोर्टफोलियो आवंटन के मामले पर भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन में बढ़ती दरार की खबरों को खारिज कर दिया।
प्रफुल्ल पटेल की टिप्पणी उनके और अजीत पवार के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और शीर्ष भाजपा नेताओं के साथ बैठक के लिए दिल्ली पहुंचने के बाद आई। उन्होंने कहा, “हम यहां शिष्टाचार मुलाकात के लिए आए हैं क्योंकि अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भाजपा नेतृत्व से मुलाकात नहीं की।” उन्होंने कहा कि हम 18 जुलाई को पीएम मोदी से मिलेंगे। हमें एनडीए की बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है।
2 जुलाई को अजित पवार गुट महाराष्ट्र सरकार में हुआ था शामिल
बता दें कि 2 जुलाई को शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा विभाजित हो गई थी। उनके भतीजे अजित पवार और लगभग तीन दर्जन विधायक सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन में शामिल हो गए। अजित पवार और 8 अन्य राकांपा नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अब मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के अलावा भाजपा से नौ, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से नौ और राकांपा से नौ मंत्री हैं। इसमें अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं। महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र 17 जुलाई से 4 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना नहीं है।