मुंबई की महाराष्ट्र सायबर पुलिस ने सायबर धोखाधड़ी से बचाने में कामयाब रहे। महाराष्ट्र सायबर पुलिस ने 60 भारतीय नागरिकों को बचाया है, जो म्यांमार में सायबर फ्रॉड से प्रताड़ित हो रहे थे। इन्हें सायबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया गया था। एक अधिकारी ने 11 अप्रैल, 2025 को बताया कि इस मामले में एक विदेशी नागरिक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
60 भारतीय नागरिकों को साइबर फ्रॉड से बचाया
बता दें कि महाराष्ट्र सायबर पुलिस ने एक बड़ा कमाल करके इस अभियान में सफलता पाई। सायबर धोखाधड़ी से 60 भारतीयों को बचाया, जहां उन्हें प्रताड़ित किया गया था। इस सिलसिले में एक विदेशी नागरिक भी गिरफ्तार किया गया है।
पीड़ितों को थाईलैंड में वेतन के झूठे वादे देकर बहलाया
पीड़ितों को थाईलैंड में उच्च वेतन वाली जॉब्स के झूठे वादों के साथ उन्हें बहलाया-फुसलाया गया था। उन्हें म्यांमार में तस्करी करके सशस्त्र विद्रोही ग्रुपों को सौंप दिया गया है। साथ ही उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी, धोखाधड़ी और नकली निवेश योजनाओं जैसे बड़े पैमाने पर ऑनलाइन घोटाले चलाने के लिए भी प्रताड़ित किया गया।
एडीजीपी(ADGP) यशस्वी यादव ने कहा कि यह महाराष्ट्र सायबर द्वारा विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की सहायता से की गई। यह कार्रवाई सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है। उन्होंने बताया कि पीड़ितों को डराया धमकाया गया और उनके नाखून भी नोचे गए। उनके विरोध करने तथा चिल्लाने पर शरीर के पार्ट्स निकालने की भी धमकी दी गई।
बंदूक की नोक पर 5000 डॉलर में बेंचा गया
बता दें कि पीड़ित सतीश ने बताया कि उन्हें 5000 डॉलर में बेचा गया और बंदूक की नोक पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने की धमकी भी दी गई। यह सब न करने पर उन्हें जान से मारने की भी धमकी दी गई। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक व्यक्ति मनीष ग्रे उर्फ मैडी एक प्रसिद्ध टीवी अभिनेता और चीनी-कजाकिस्तानी नागरिक तलानिति नुलक्सी भी शामिल हैं, जो भारत में सायबर ठगी की विस्तार से चाल चल रहा था।
एक अन्य पीड़ित मोनूकुमार शर्मा ने बताया कि उन्हें थाईलैंड की करेंसी के जरिए बहत में पेमेंट दिया जाता था। आरोपी रोजगार एजेंट के रूप में पेश आते थे और सोशल मीडिया के जरिए से पीड़ितों की भर्ती करते थे।
इस मामले में पुलिस ने एफआईआर(FIR) दर्ज कर ली है तथा ब्रोडर ट्रैफिकिंग नेटवर्क को हटाने के लिए जांच जारी है।