मनोज पांडे
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को लंदन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में भाषण दे रही थीं, इस दौरान कुछ छात्रों ने हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तख्तियां लेकर आरजी कर कॉलेज और घोटालों से जुड़े मामले उठाए। हालांकि, सीएम बनर्जी ने स्थिति संभालते हुए प्रदर्शनकारियों को जवाब दिया। उन्होंने बताया कि हमारे राज्य में करीब 11 करोड़ लोग हैं और यह लगभग एक बड़े देश की तरह है। हमारी खूबसूरती यह है कि 33% से ज़्यादा लोग अल्पसंख्यक वर्ग से हैं, जिनमें मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, नेपाली, गोरखा और अन्य शामिल हैं। लगभग 6% आदिवासी हैं और 23% अनुसूचित जाति के हैं। हर जाति, पंथ, समुदाय और धर्म के लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं। हम सभी त्योहार एक साथ मनाकर खुश होते हैं। हमारे बीच कोई भेदभाव नहीं है।
एकता बनाए रखना बहुत मुश्किल- सीएम बनर्जी
अगर मैं मर जाऊं, तो मरने से पहले मैं एकता देखना चाहती हूं। एकता हमारी ताकत है और विभाजन हमारा पतन है। यह स्वामी विवेकानंद का विश्वास है। एकता बनाए रखना बहुत मुश्किल काम है और लोगों को विभाजित करने में बस एक पल लगता है। क्या आपको लगता है कि ऐसी विचारधारा के साथ दुनिया टिक सकती है?
किसी के साथ कोई भेदभाव न हो- सीएम बनर्जी
हमारा मिशन यह देखना है कि छात्रों, महिलाओं, किसानों और श्रमिकों के बीच कोई भेदभाव न हो। हमें सभी लोगों को इंसान मानना चाहिए। मानवता के बिना यह दुनिया चल नहीं सकती, जारी नहीं रह सकती या टिक नहीं सकती। मेरा ऐसा मानना है। इसीलिए हमने बंगाल को मां माटी मानुष का स्थान बनाना शुरू किया। जब मैं कुर्सी पर होती हूं, तो मैं समाज को विभाजित नहीं कर सकती। मुझे कमजोर वर्ग और गरीब लोगों की देखभाल करनी होती है। हमें उनके लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। इसके साथ ही, हमें सभी धर्मों, जातियों और पंथों के लिए मिलकर काम करना होता है। हमें उनके साथ आगे बढ़ना होता है और उनकी मदद करनी होती है।
आरजी कर मामले पर दिया जवाब
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए दुष्कर्म और मर्डर केस पर ममता ने जवाब दिया कि यह मामला राजनीति से जुड़ा नहीं है। यह मामला केंद्र सरकार के पास है और सब-ज्यूडिस है। यहां राजनीति मत कीजिए।
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