World Diabetes Day: उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने वर्ल्ड डायबिटीज डे के अवसर पर मध्य प्रदेश के नागरिकों से डायबिटीज की को कंट्रोल करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रदेश वासियों से अपील की है कि वे अपने ब्लड शुगर और बीपी की रेगुलर जांच कराएं, संतुलित आहार लें।
ज्यादा शुगर का सेवन न करें और शारीरिक रूप से एक्टिव रहें ताकि तनाव को प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सके। उन्होंने डायबिटीज की रोकथाम के प्रति सजग रहने, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने और स्वास्थ्य शिविरों में एक्टिव रूप से भाग लेने का आह्वान किया है। सामूहिक प्रयास और जागरूकता से ही हम डायबिटीज पर कंट्रोल पा सकते हैं और एक स्वस्थ मध्य प्रदेश का निर्माण कर सकते हैं।
रेगुलर जांच करायें
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि राज्य सरकार डायबिटीज और अन्य नॉन कॉमिकेबल डिजीज के प्रसार को कम करने के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज और हाई बीपी को कंट्रोल करके हार्ट अटैक, किडनी और फेफड़े के रोग,अंधत्व और अन्य गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है।
#विश्व_मधुमेह_दिवस पर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने एवं इसके प्रति जागरूकता का संकल्प लें।#WorldDiabetesDay pic.twitter.com/Y0EDqokaKI
---विज्ञापन---— Rajendra Shukla (@rshuklabjp) November 14, 2024
नागरिकों की समय पर स्क्रीनिंग, जांच की व्यवस्था की गई है। नियमित जांच से सही समय में समस्या का चिन्हांकन होता है, जिससे अपेक्षित सावधानियां और उपचार सहजता से किया जा सकता है। डायबिटीज और हाई बीपी के उपचार के लिए राज्य के सभी जिला अस्पतालों, सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।
15 जिलों में असंचारी रोग बूथ स्थापित किए गए हैं ताकि मरीजों को अस्पताल के प्रवेश द्वार पर ही प्राथमिक जांच का लाभ मिल सके।
सरकार के समग्र प्रयास
राष्ट्रीय असंचारी रोग रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (National Non-Communicable Disease Prevention and Control Programme) के तहत वर्तमान वर्ष में 38 लाख से अधिक नागरिक रजिस्टर्ड हो चुके हैं और 86 लाख से अधिक बार हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की जांच की जा चुकी है।
एनएफएचएस-5 अनुसार राज्य में डायबिटीज की प्रचलित दर वर्तमान में 13.5% है, जबकि हाई बीपी की दर 23.5% है। डायबिटीज और संबंधित जटिलताओं को नियंत्रित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
असंचारी रोग कार्यक्रम के तहत अब तक 3 करोड़ 58 लाख से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, जिसमें 1 करोड़ 91 लाख से अधिक लोगों की बीपी और ब्लड शुगर के लिए जांच की गई है। 19 लाख 57 हज़ार हाई बीपी के मरीज और 13 लाख से अधिक डायबिटीज के मरीज वर्तमान में मुफ्त उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
दिल से जुड़ी आपात स्थितियों के इलाज के लिए सभी 52 जिला अस्पतालों में आईसीयू की स्थापना की गई है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और अन्य प्रमुख जिलों में कार्डियक केयर यूनिट भी स्थापित किए गए हैं। सभी जिलों में केंद्रीय लेबोरेटरीज चौबीसों घंटे ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और हार्ट मार्कर जैसे जरूरी परीक्षण प्रदान कर रही हैं।
इसके साथ ही डायबिटीज के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जीवनशैली में परिवर्तन के लिए शैक्षणिक अभियान चलाए जा रहे हैं। आमजन तक डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और रोकथाम के उपायों की जानकारी पहुंचाई जा रही है।
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