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यूनेस्को ने वाटर मैनेजमेंट सिस्टम के लिए MP के इस शहर को चुना, पायलट प्रोजेक्ट के तहत 1 साल में होगा काम

MP News: मध्य प्रदेश के एक ऐतिहासिक शहर को बड़ी उपलब्धि मिली है। यूनेस्को देश में वाटर मैनेजमेंट सिस्टम के लिए प्रदेश के इस शहर को चुना है। जहां देश में पहली बार वाटर मैनेजमेंट का डाटा एकत्रित कर पोर्टल तैयार किया जाएगा, यह काम पायलट प्रोजेक्ट के तहत 1 साल में होगा ग्वालियर का […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Aug 23, 2023 14:58
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gwalior city
unesco selected gwalior city

MP News: मध्य प्रदेश के एक ऐतिहासिक शहर को बड़ी उपलब्धि मिली है। यूनेस्को देश में वाटर मैनेजमेंट सिस्टम के लिए प्रदेश के इस शहर को चुना है। जहां देश में पहली बार वाटर मैनेजमेंट का डाटा एकत्रित कर पोर्टल तैयार किया जाएगा, यह काम पायलट प्रोजेक्ट के तहत 1 साल में होगा

ग्वालियर का किया चयन

प्रदेश के ग्वालियर शहर के नाम एक नया मुकाम जुड़ गया है, यूनेस्को ने देश में वाटर मैनेजमेंट सिस्टम के लिए ग्वालियर को चुना है। जहां देश में पहली बार वाटर मैनेजमेंट का डाटा इक्ठ्ठा कर पोर्टल तैयार किया जाएगा। यूनेस्को की टीम इसके लिए शहर के बांध, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का डाटा एकत्रित करेगी, यूनेस्को और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ अफेयर इस पर काम करेंगे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जताई खुशी

ग्वालियर को बतौर पायलेट प्रोजेक्ट चुना जाने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पिता और सिंधिया रियासत के तत्कालीन महाराज को याद करते हुए कहा कि उस दौर में माधव महाराज के समय में एक नवीन ग्वालियर को बसाया गया था। तब सामाजिक, स्वास्थ्य और चिकित्सा के दृष्टिकोण के आधार पर पानी की व्यवस्था के आधार पर वाटर मैनेजमेंट और कृषकों के लिए भी जो बांध बनाए गए थे, आज तक डेढ़ सौ साल बाद भी उसी का अमृत हम सब ग्वालियरवासी पी रहे हैं।

चंबल अंचल के साथ ही मंदसौर, नीमच, शाजापुर तक उसी का लाभ आज भी जनता ले रही है, यह दूर दृष्टिकोण उनकी गी थी। उसी दूर दृष्टिकोण के साथ आज हमारी सरकार भी उसी रास्ते पर पूर्ण रूप से संकल्पित होकर आगे बढ़ रही है।

ग्वालियर में 100 साल पुराना जलाशय

सिंधिया ने कहा कि मैं बधाई देना चाहता हूं यूनेस्को द्वारा जो एक मान ग्वालियर और समुचित क्षेत्र को दिया गया है। इससे उत्साह भी बढ़ेगा और तीव्र गति से हम लोग कार्य करने के लिए संकल्पित हो सकेंगे, गौरतलब है कि ग्वालियर में 100 साल से ज्यादा पुराना तिघरा जलाशय क्षेत्र की प्यास बुझा रहा है, ग्वालियर की नगर निगम वाटर ट्रीटमेंट के साथ ही सीवर ट्रीटमेंट पर काम कर रही है। यही वजह है कि ग्वालियर को यूनेस्को ने चुना है। जो शहर के लिए बड़ी उपलब्धि है।

ग्वालियर से कर्ण मिश्रा की रिपोर्ट 

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Arpit Pandey

First published on: Aug 23, 2023 02:58 PM

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