मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मशहूर और मशहूर व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के गृह नगर जबलपुर में चोरी की अजीबोगरीब घटनाएं सामने आई हैं।। स्थानीय चोर असामान्य वस्तुओं को निशाना बना रहे हैं, जिनमें रसगुल्ले, बकरे और हाल ही में चोरी की गई नमक की 5 बोरियां शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि चोरों ने कथित तौर पर अपराध को अंजाम देने के लिए एक स्कूटी का इस्तेमाल किया। एक घटना गढ़ा क्षेत्र की है, जहां स्कूटी सवार चोर नमक की बोरी ले गए। दूसरी घटना कोतवाली क्षेत्र की है जहां ई-बाइक से सिगरेट व जीरे से भरी बोरी चोरी हो गई। चोरी की यह घटना दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आइए नजर डालते हैं चोरी की इन अजीबोगरीब घटनाओं पर…
रसगुल्ला चोर रंगे हाथों पकड़ा गया
सीहोरा में दो स्कूटर सवार बदमाशों ने एक बेकरी की दुकान को निशाना बनाया। दुकानदार का जैसे ही ध्यान भटका तो उनमें से एक ने रसगुल्ले का डिब्बा चुरा लिया और बोनस के तौर पर गुटखा का एक पाउच भी ले गया। चोरी की कुल कीमत 125 रुपये थी, लेकिन नैतिक क्षति महत्वपूर्ण है। हालांकि कानून ने इसे अपराध के बजाय नैतिक चूक माना, फिर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली।
नमक की चोरी फिर से शुरू
देवताल में एक सफेद एक्टिवा स्कूटी पर सवार चोर जयपाल प्रजापति की दुकान से 1000 रुपये कीमत की नमक के 5 बैग चुरा ले गया। चोर ने आराम से नमक को स्कूटी पर रखा, जैसे वह पिज्जा का ऑर्डर उठा रहा हो और भाग गया।
अधारताल में चोरों ने चुराई 9 बकरियां
एक लग्जरी कार में सवार चार चोरों ने अधारताल से 9 बकरियां चुरा लीं। मालिक हेमंत रजक को चोरी का पता तब चला जब सुबह उठने पर उन्होंने देखा कि बाड़ा खाली है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और अयान, योगेंद्र, मोहसिन और उमर को गिरफ्तार कर 8 बकरियां बरामद कीं। एक बकरी अभी भी लापता है और उसका पता अभी नहीं चल पाया है।
5 हजार रुपये से कम की चोरी अपराध नहीं माना जाता
रसगुल्ले और बकरे से लेकर नमक की बोरियों तक की चोरी की यह विचित्र श्रृंखला कानून और व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है। गौरतलब है कि नए भारतीय न्याय संहिता के तहत 5000 रुपये से कम की चोरी को एडम चेक (गैर-संज्ञेय रिपोर्ट) माना जाता है, न कि अपराध। जबलपुर जोन 3 के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूर्यकांत शर्मा ने बताया, ‘नए भारतीय न्याय संहिता (भारतीय न्याय संहिता) के तहत धारा 303 चोरी के लिए सजा का प्रावधान करती है। इस धारा को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है। 5,000 रुपये से कम की चोरी को गैर-संज्ञेय अपराध माना जाता है। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज की जाती है, लेकिन इसे ‘एडम चेक’ (गैर-संज्ञेय रिपोर्ट) माना जाता है और शिकायतकर्ता को सीधे अदालत जाने की सलाह दी जाती है। इसके बाद अदालत एक आदेश जारी करती है, जिसकी एक प्रति शिकायतकर्ता को दी जाती है।’