विपिन श्रीवास्तव, भोपाल: हिंदू देवी देवताओं पर बनने वाली फिल्मों पर विवाद के बीच अब ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मध्यप्रदेश के जबलपुर में धार्मिक समिति बनाने की घोषणा की है। जिस तरह से सेंसर बोर्ड फिल्मों की मानीटरिंग करता है, उसी तरह फिल्मों की समीक्षा के लिए धार्मिक समिति बनाई जाएगी जो फिल्मों के तथ्यों का अध्ययन करेगी। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बालीवुड पर नाराज़गी जाहिर करते हुए हिंदू समाज को निशाना बनाने की बात कही है।
बॉलीवुड पर हिंदुओं को निशाना बनाने का आरोप
उन्होंने आगे कहा कि हम कहते हैं कि बॉलीवुड हिंदुओं को निशाना बना रहा है और हम ही टिकिट कटाकर इनकी करोड़ों रुपए की कमाई करा देते हैं। इसलिए हम एक धार्मिक समिति बना रहे हैं जिसका काम रहेगा कि वह इस तरह के चल चित्रों को देखेगी।
विशेषज्ञों की टीम जांच करेगी इसके बाद प्रमाणित करने के बाद उसे सार्वजनिक किया जाएगा। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हम ही लोग उनकी फिल्में देख उनकी आय मजूबत कर रहे हैं, हमें उनकी ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए।
समर्थन में उतरे मंत्री विश्वास सारंग
शंकराचार्य के बयान के समर्थन में मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग भी उतर आए हैं। विश्वास सारंग ने कहा कि यह बात सही है कि पिछले कुछ समय से जानबूझ कर हिन्दू देवी देवताओं का अपमान किया जा रहा है। हालांकि, इसको लेकर सरकार लगातार कार्रवाई करती रहती है।
विश्वास सारंग इसे भी राजनैतिक बताते हुए कह रहे है कि कांग्रेस के दिग्विजय सिंह,मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं का समर्थन मिलता है। इसलिए कुछ फिल्म निर्माता इस तरह की फिल्मों का निर्माण जानबूझकर करते हैं। दरअसल, हाल ही में आदिपुरुष, थैंक्स गाड, काली पर विवाद गहराया और इससे पहले भी ओह माई गॉड, पीके जैसे फिल्मों पर विवाद गर्माया था।