Ram Bhakt Mohammad Faiz Khan: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को एक महीना बीत गया है, लेकिन अभी भी देश के कोने-कोने से प्रभु श्रीराम को लेकर लोगों की अनोखी भक्ति देखने को मिल रही है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के चित्रकूट से सामने आया है। दरअसल, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले मोहम्मद फैज खान ने अयोध्या तक की पदयात्रा शुरू की है। मोहम्मद फैज खान ने सबसे पहले चित्रकूट में भगवान श्री कामदगिरि के दर्शन, पूजन और परिक्रमा की। इसके बाद उन्होंने साधू संतों आशीर्वाद लिया और अयोध्या के लिए अपनी पदयात्रा शुरू की। मोहम्मद फैज खान कहते हैं कि भगवान श्रीराम उनके पूर्वज है।
छत्तीसगढ़ के रहने वाले मोहम्मद फैज खान ने मध्य प्रदेश के चित्रकूट में भगवान श्री कामदगिरि के दर्शन, पूजन और परिक्रमा की। इसके बाद उन्होंने साधू संतों आशीर्वाद लिया और अयोध्या के लिए अपनी पदयात्रा शुरू की। मोहम्मद फैज खान भगवान श्रीराम को अपना पूर्वज मानते हैं। pic.twitter.com/LpyOL313E3
---विज्ञापन---— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) February 23, 2024
बहुत बड़े रामभक्त हैं मोहम्मद फैज खान
मोहम्मद फैज खान पेशे से शिक्षा विभाग में लेक्चरर हैं। राम भक्त मोहम्मद फैज खान जब चित्रकूट से अयोध्या के लिए अपनी पदयात्रा शुरू कर रहे थे, उस समय वहां के समाजसेवियों, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों ने उन्हें फूल माला पहनाकर विदा किया था। अपनी पदयात्रा को लेकर मोहम्मद फैज खान ने बताया कि उन्होंने पिछले साल ही 23 जनवरी को चित्रकूट धाम से अयोध्या तक पदयात्रा की योजना बनाई थी। इस साल 20 जनवरी को उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का आमंत्रित किया गया है। फैज खान बताते हैं कि वह इस आमंत्रण से बहुत ही खुश थे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने की वजह से उनकी यह पदयात्रा में डीले हो गई। इसी वजह से आज एक महीने बाद प्रभु श्रीराम के पावन कर्मस्थल चित्रकूट धाम में दर्शन और पूजा कर अयोध्या तक की पदयात्रा पर निकल रहे हैं।
यह भी पढ़ें: साउथ एशिया ट्रेवल एंड ट्रेड एग्जीबिशन 2024 में मध्य प्रदेश ने लिया हिस्सा, इनबाउंड टूरिज्म पर क्या बोले प्रतिनिधि?
श्रीराम को पूर्वज मानते हैं फैज खान
मोहम्मद फैज खान कहते हैं कि हम सबको यह ध्यान रखना चाहिए कि हम सबके पिता किशनलाल हैं पूर्वजों से हम सब एक हैं, भले ही धर्म अलग-अलग हों। आज भी कई मुसलमान लोगों के सरनेम चौहान, भट्ट, त्यागी, चौधरी और पटेल होते हैं। इसका मतलब है कि हममें से कोई सऊदी अरब से नहीं आया है। हम सब यहीं रहने वाले हैं, वो बात अगल है कि हम धर्मांतरित हुए हैं। फैज खान कहते हैं कि अमर मंदिर जाए, अकबर मस्जिद जाए या एंथोनी चर्च में जाए, सभी को अपनी पूजा पद्धति मानने का पूरा अधिकार है। लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि समाज में एकता, अखंडता, सद्भावना और भाईचारा कायम रहें।