Raja Raghuvanshi Murder: राजा रघुवंशी हत्याकांड के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। सोनम, राज समेत अन्य तीन आरोपी मेघालय पुलिस की हिरासत में हैं। इसी बीच इंदौर में भी मेघालय पुलिस की एक टीम मौजूद है, जो सोनम के परिजनों, राज के घरवालों समेत तमाम लोगों से पूछताछ कर रही है। इसी दौरान एक रेस्टोरेंट मालिक ने नया खुलासा किया है।
रेस्टोरेंट मालिक ने उठाया ‘राज’ से पर्दा
इंदौर के एक रेस्टोरेंट में सभी आरोपियों ने मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई थी। रेस्टोरेंट के मालिक ने बताया कि राज कुशवाहा, विशाल चौहान अपने कई साथियों के साथ यहां आए थे। उसने कहा कि हत्याकांड में आरोपियों की तस्वीरें देखकर लगता है कि वे यहां पर आते थे।
रेस्टोरेंट के मालिक जय सोनी का कहना है कि रेस्टोरेंट पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन उसकी केवल 10 दिनों तक की रिकॉर्डिंग की क्षमता है। रेस्टोरेंट संचालक जय सोनी ने कहा कि वह पुलिस प्रशासन के साथ है। घटना को लेकर जय सोनी ने कहा कि यह काफी दर्दनाक घटना है।
सोनम की विदाई का वीडियो वायरल, फूट-फूटकर रोई थी
---विज्ञापन---◆ सोनम और राजा रघुवंशी की शादी के कई वीडियो वायरल #SonamRaghuvanshi #RajaRaghuvanshi | Sonam Raja pic.twitter.com/uydK3zUwR7
— News24 (@news24tvchannel) June 18, 2025
इसी रेस्टोरेंट में एकत्रित हुए थे आरोपी
बता दें कि ‘अवंती’ नाम से सुपर कॉरिडोर के पास यह रेस्टोरेंट मौजूद है। घटना सामने आने के बाद यह खबर आई थी कि सभी आरोपी इसी रेस्टोरेंट में एकत्रित हुए थे और राजा की हत्या की योजना बनाई थी।
राजा की हत्या, कहां थी सोनम?
राजा रघुवंशी हत्या मामले की जांच कर रही टीम सभी आरोपियों को लेकर क्राइम सीन तक गई और दृश्य का पुनर्निर्माण (रीक्रिएशन) किया गया। इस दौरान सोनम ने बताया कि वह राजा के सामने खड़ी थी, और हत्यारे राजा के अगल-बगल खड़े थे। मौके मिलते ही राजा के सिर पर धारदार हथियार से जोरदार हमला किया गया था। इसके बाद अन्य आरोपियों ने एक-एक वार किया था, जिससे राजा की जान चली गई थी।
यह भी पढ़ें: राजा रघुवंशी मामले में अब एक और लड़की की एंट्री, पुलिस कर रही पूछताछ
पहला वार होते ही सोनम वहां से हट गई और सभी आरोपियों ने मिलकर राजा का शव खाई में फेंक दिया था। इसके बाद सभी वहां से फरार हो गए थे। घटना के लगभग 13 दिन बाद सोनम गाज़ीपुर से बरामद हुई थी, लेकिन इससे पहले वह शिलांग से इंदौर आई और जब पुलिस की कार्रवाई शुरू हुई तो वह वाराणसी होते हुए गाज़ीपुर पहुंची। यहां एक ढाबे पर जाकर उसने अपने भाई को फोन किया था।