मध्य प्रदेश के खंडवा में पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं सहित अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। इस घटना के बाद नगर निगम और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, निगम अधिकारी राजेश गुप्ता ने एफआईआर के लिए एसडीएम से निर्देश मिलने की बात कही, जबकि एसडीएम का कहना है कि यह मामला निगम प्रशासन का है।
समर्थन में उतरी कांग्रेस
खंडवा में पानी मांगने के लिए सड़क पर उतरे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद मंगलवार को कांग्रेसी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल खंडवा कलेक्टर से मिलने पहुंचा, लेकिन कलेक्टर से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। कांग्रेस नेताओं की भीड़ को देख कलेक्टर ने 5 नेताओं को चेंबर में बातचीत करने बुलाया, लेकिन कांग्रेसी नेता सभी लोगों के साथ मिलना चाहते थे। इस बात को लेकर कांग्रेसियों ने कहा कि कलेक्टर सरकार के दबाव में कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों से बातचीत नहीं करना चाहते हैं। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन जनता को सुविधा देने के लिए होता है न की जनता के खिलाफ एफआईआर करवाने के लिए।
‘दबाव में काम कर रहा प्रशासन’
पीने के पानी और मूलभूत समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में कांग्रेस जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कलेक्टर से मिलने पहुंचे। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि समय देने के बाद भी कलेक्टर उनसे नहीं मिले। जिला प्रशासन का अपना इगो है। वह जनता के हित में काम नहीं कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि उन्हें कहीं से दबाव है कि वह कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों की बातचीत नहीं सुने।
कलेक्टर ने दी ये सफाई
दूसरी तरफ कलेक्टर ने कहा कि बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता आए थे उनमें से चार-पांच प्रतिनिधियों को बातचीत करने के लिए चेंबर में बुलाया था, लेकिन वह नहीं आए। कलेक्टर ने पानी के लिए सड़क पर उतरी महिलाओं पर एफआईआर होने की बात पर सफाई देते हुए कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध-प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सड़क रोक कर यातायात बाधित करने का अधिकार किसी को नहीं है।
3 महिलाओं समेत 8 नामजद एवं अन्य लोगों पर मामला दर्ज
इससे पहले सोमवार को जारी पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, पीने के पानी के लिए प्रदर्शन कर रही इन महिलाओं सहित वहां पहुंचे निगम के नेता प्रतिपक्ष दीपक उर्फ मल्लू राठौर एवं कांग्रेस नेता अर्श पाठक पर भी मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस ने सिविल लाइन निवासी निगम इंजीनियर की शिकायत पर दोपहर में ही 8 से अधिक लोगों पर बीएनएस की धारा 223 के अंतर्गत कार्रवाई की, जिसमें बाहेती कॉलोनी की 3 महिलाओं समेत 8 नामजद एवं अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया।