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MP के इस जिले में बैलगाड़ी से निकली दूल्हे की बारात, वजह जानकर करेंगे तारीफ

MP News: आज के वक्त में शादियां बड़ी धूमधाम से होने लगी है। शादियों में आज के वक्त में खर्चा भी बहुत होता है। जहां शाही बारात निकलती है और अन्य रस्मों पर भी जमकर पैसा खर्चा होता है। लेकिन कुछ लोग लीग से हटकर भी काम करते हैं। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Mar 7, 2024 15:58
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tribal youth traditional bullock cart
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MP News: आज के वक्त में शादियां बड़ी धूमधाम से होने लगी है। शादियों में आज के वक्त में खर्चा भी बहुत होता है। जहां शाही बारात निकलती है और अन्य रस्मों पर भी जमकर पैसा खर्चा होता है। लेकिन कुछ लोग लीग से हटकर भी काम करते हैं। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के इटारसी ब्लॉक में आने वाले गांव में ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। जहां एक युवक ने बैलगाड़ी पर अपनी बारत निकाली।

बैलगाड़ी से निकाली बारात

दरअसल, बैलगाड़ी पर बारात निकलना कम ही सुनाई देता है। लेकिन इटरसी केसला ब्लॉक के आदिवासी गांव रेसलपाटा में एक युवक की बारात बैलगाड़ी से ही निकाली गई। जहां बैलगाड़ी को बग्गी की तरह सजा कर उसमें दूल्हे को बैठाया गया, बेलों को भी सजाया गया। बारात में आदिवासी ग्रुप द्वारा बेहतर डांस की प्रस्तुति भी दी गई। बैलगाड़ी पर जब दूल्हा बारात लेकर निकला तो इसका वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

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पारंपरिक तरीके से करना चाहता था शादी

खास बात यह है कि इस शादी के पीछे की वजह केवल परंपरा है। घोड़ाडोंगरी निवासी दूल्हा मुकेश उइके अपनी शादी पारंपरिक तरीके से करना चाहता था। वह शादी में ज्यादा साज सज्जा नहीं चाहता था। लेकिन पारंपरिक रीति रिवाजों को जरूर पूरा करना चाहता था। इसलिए उसने अपनी बारात बैलगाड़ी से ले जाने का फैसला किया। दूल्हा बैलगाड़ी से बारात लेकर दुल्हन सविता धुर्वे के घर पहुंचा और पूरे पारंपरिक रीतिरिवाज से शादी करके के वापस दुल्हन को लेकर आया। जिसके लिए उसकी जमकर तारीफ भी हो रही है.

दूल्हा अपनी परंपरा को ध्यान में रखते हुए घोड़े पर बारात लगाने की वजह बैलगाड़ी पर बारात लगाई, जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय भी बनी है। पूरी बैलगाड़ी को फूलों से सजाया गया था। वही बेलों को भी सजाया गया। इस बारात को देखने आसपास के क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और सभी ने दोनों तरफ भी तारीफ भी की।

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बेहद सादगीभरी इस परंपरा और जड़ों की ओर लौटने की यह पहल आदिवासियों को अपनी परंपरा की ओर लौटने के लिये प्रेरित करेगी, बल्कि यह बारात आज की खर्चीली शादियों से बचने के लिए एक मिसाल के तौर पर जानी जाएगी।

(Alprazolam)

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Edited By

Arpit Pandey

Edited By

rahul solanki

First published on: May 21, 2023 04:50 PM

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