MP Patwari Exam: मध्य प्रदेश में पटवारी सहित शिक्षक और वन कर्मी परीक्षा में धांधली के मामले में दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच में सुनवाई हुई। जहां हाईकोर्ट ने शासन को मामले की जल्द जांच करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि पटवारी के अलावा दूसरी भर्तियों को लेकर याचिका दायर की गई थी।
जल्द रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता उमेश बोहरे की जनहित याचिका की सुनवाई में शासन के वकील ने बताया कि इस मामले मुरैना कलेक्टर के जरिए जांच कमेटी बनाई जा चुकी है, इस पर कोर्ट ने कहा कि जांच कमेटी जल्द अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करें। इस तरह याचिका को डिस्पोज कर करते हुए कोर्ट ने जरूरी निर्देश जारी किए है।
दरअसल, उमेश बोहरे ने सीएमएचओ कार्यालय मुरैना, भिंड और ग्वालियर से जारी विकलांग सर्टिफिकेट और उसके आधार पर नौकरी पाने वाले लोगों के सर्टिफिकेट का भौतिक सत्यापन करने के साथ सीबीआई से इंक्वायरी कराए जाने की मांग की है। याचिका में इस बिंदु को भी प्रमुखता से उठाया गया है कि सीएमएचओ कार्यालय मुरैना में कान और आंखों से संबंधित विकलांगता के बारे में पटवारी सहित शिक्षा विभाग और वन कर्मी की परीक्षा में आवेदकों को तथाकथित फर्जी रूप से विकलांग प्रमाण पत्र जारी किए हैं और इसमें करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है, जिससे हजारों आवेदकों के साथ धोखा हुआ है। नियुक्तियों में भी भ्रष्टाचार होने का मामला याचिका में उजागर किया गया।
जांच का विस्तार किया जाए
हाईकोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान शासन ने जहां पूर्व में ही मामले की जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू होने की बात बताई गई,जिस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से कहा कि यह जांच सीमा तीन जिला क्षेत्रो तक सीमित है, जबकि धांधली का यह काला खेल पूरे मध्य प्रदेश में हुआ है। ऐसे में जांच का विस्तार भी किया जाए, जिस पर कोर्ट ने शासन को मामले की जल्द रिपोर्ट पेश करने की बात कही। साथ ही जांच कमेटी में याचिकाकर्ता को शामिल करने के निर्देश भी दिए है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि फिलहाल जरूरी निर्देश के बाद याचिका को डिस्पोज कर दिया गया है, लेकिन यदि शासन ने कोर्ट के आदेश की अवमानना की तो हाईकोर्ट में एक नई अवमानना याचिका पेश की जाएगी,जिसमे सीबीआई जांच की गुहार भी लगाई जाएगी।
ग्वालियर से कर्ण मिश्रा की रिपोर्ट