MP News: संघ प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को भोपाल में सिंधी समाज के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। अमर शहीद हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि हमें नया भारत बसाना है। भारत खंडित हो गया है। जरूरी नहीं कि हम उसे मन से छोड़ें, हमारे साथ उस भूमि का जुड़ाव बना रहे। हम सिंधु सभ्यता को नहीं भूल सकते हैं। क्योंकि ये कृत्रिम विभाजन है।
भागवत ने कहा कि आज हम जिसे पाकिस्तान कहते हैं, उसके लोग कह रहे हैं कि गलती हो गई। ये सब मानते हैं। अपनी हठधर्मिता के कारण अलग हो गए। संस्कृति से अलग हो गए। क्या वे सुखी हैं?
बलिदान से हमें जीवन की राह मिलती है
मोहन भागवत ने कहा कि हम आज भी सुनते हैं कि 19 साल की आयु में एक का जीवन चला गया तो दुख होता है, मगर वहां से प्रेरणा भी मिलती है। हम लोगों को जीवन का राह (स्वतंत्रता) बताकर उन्होंने अपना जीवन दे दिया। उन्होंने इस विश्वास के साथ बलिदान दिया कि हम तो चले जाएंगे मगर इससे स्वतंत्रता और 5 कदम नजदीक आएगी और ऐसा करते-करते स्वतंत्रता मिल जाएगी।
मध्य प्रदेश: राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भोपाल में अमर बलिदान हेमू कालानी के जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया। pic.twitter.com/jqtEHdkETb
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2023
सीएम बोले- हेमू कालाणी की जीवनी पढ़ाई जाएगी
सीएम शिवराज सिंह ने सम्मेलन में कई ऐलान भी किए। उन्होंने कहा कि सिंधी विस्थापितों को कब्जे की भूमि के पट्टे एक प्रतिशत मूल्य लेकर वैधानिक किए जाएंगे। हेमू कालाणी की जीवनी सिलेबस में शामिल होगी। बलिदानियों के सम्मान में संग्रहालय बनाया जाएगा। मनुआभान की टेकरी पर बलिदानी हेमू की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
साथ ही उन्होंने सिंधु दर्शन के लिए 25 हजार का अनुदान और सिंधु साहित्य अकादमी का बजट बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए किए जाने का ऐलान किया। शिवराज सिंह ने कहा कि जड़ों को छोड़ने का दर्द हमेशा रहता है। संस्कृति के लिए जमीन छोड़ने पर प्रणाम करता हूं।
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