मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य की शिक्षा प्रणाली में बदलाव होने वाला है। दरअसल, मध्य प्रदेश में अब CBSE की तर्ज पर बोर्ड की परीक्षा होगी। इसका मतलब है कि राज्य के 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को दो बार बोर्ड परीक्षा देनी होगी। एमपी शिक्षा प्रणाली में यह नई व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2024-25 से लागू होगी। इस बात की जानकारी प्रदेश के शिक्षा विभाग ने दी है। इसके साथ ही विभाग ने इसको लेकर एक आदेश भी जारी किया है।
एमपी में सीबीएसई की तर्ज पर होगी बोर्ड परीक्षा
---विज्ञापन---10वीं और 12वीं की अब दो बार होगी बोर्ड परीक्षा
शैक्षिक सत्र 2024 -25 से लागू होगी व्यवस्था
---विज्ञापन---पहली परीक्षा फरवरी – मार्च, तो दूसरी परीक्षा जुलाई – अगस्त में कराई जाएगी pic.twitter.com/30wu5W2rle
— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) March 25, 2025
दो बार होगी बोर्ड परीक्षा
शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, पहली बोर्ड परीक्षा फरवरी-मार्च में आयोजित की जाएगी। वहीं, दूसरी बोर्ड परीक्षा जुलाई-अगस्त में आयोजित होगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल 1965 में संशोधन कर अधिसूचना जारी कर दी। बता दें कि पहली परीक्षा में बैठने वाले छात्र ही दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। दोनों परीक्षाओं के प्राप्त अंक के आधार पर वार्षिक परिणाम तैयार किया जाएगा। बोर्ड परीक्षा के बाद अब पूरक परीक्षा नहीं कराई जाएगी। दूसरी परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल होगें, जिन्होंने पहली परीक्षा में बैठे होंगें।
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18 लाख विद्यार्थी
बता दें कि हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (CBSE) ने भी आने वाले अगले शैक्षणिक सत्र से दो बार 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। मध्य प्रदेश माध्यमिक बोर्ड परीक्षा में हर साल 10वीं और 12वीं के 18 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं। पहले परीक्षा फरवरी-मार्च के महीने में होती थी। लेकिन अब राज्य सरकार के निर्णय के मुताबिक मप्र बोर्ड परीक्षा सत्र में दो बार आयोजित कराई जाएगी।
UDISE में मिला था दूसरा स्थान
बता दें कि, इसी साल केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गई यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस रिपोर्ट (UDISE-PLUS) में मध्य प्रदेश को सबसे अधिक स्कूलों के मामले में दूसरा स्थान मिला है। इस रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 1,23,412 स्कूलों में एक करोड़ 53 लाख 61 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इन स्कूलों में 6,39,525 शिक्षक पोस्टेड हैं।