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MP: मुख्यमंत्री मोहन यादव 20 दिसंबर को करेंगे विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग प्लांट का उद्घाटन, जानें प्रोजेक्ट की विशेषताएं

Omkareshwar Floating Solar Energy Plant: प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव खंडवा में ओंकारेश्वर जलाशय में बने विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर एनर्जी प्लांट का उद्घाटन करने वाले हैं।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Dec 16, 2024 21:33
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Omkareshwar Floating Solar Energy Plant
Omkareshwar Floating Solar Energy Plant

Omkareshwar Floating Solar Energy Plant: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव 20 दिसंबर को खंडवा जिले के ओंकारेश्वर जलाशय में बनाए गए विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर ऊर्जा प्लांट का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना को प्रदेश की ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। फिलहाल, यह सोलर प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ 278 मेगावाट विद्युत उत्पादन कर रहा है।

खंडवा जिले की मांधाता विधानसभा क्षेत्र की जनता को इस प्रोजेक्ट से बड़ी उम्मीदें हैं। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र को मुफ्त बिजली देने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने की मांग की है। स्थानीय समाजसेवी नवल किशोर शर्मा, जयप्रकाश पुरोहित, भाजपा नेता विजय जैन, ललित दुबे सहित कई प्रमुख लोगों ने शासन से निवेदन किया कि ओंकारेश्वर क्षेत्र को फ्री बिजली उपलब्ध कराई जाए।

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मछुआरा समाज की मांग

वहीं, दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री के आगमन की खबर के बाद स्थानीय मछुआरा समाज संगठन भी अपनी समस्याओं को लेकर एक्टिव हो गया है। संगठन प्रमुख दिलीप वर्मा ने बताया कि परियोजना से प्रभावित मछुआरा सहकारी समितियों के बेरोजगार मछुआरे मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपने रोजगार सहित अन्य समस्याओं के समाधान की मांग करेंगे।

ग्रीन ऊर्जा की ओर बड़ा कदम

ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश ग्रीन ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी। इसके माध्यम से प्रदेश के विद्युत उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और स्थानीय समुदायों के आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।

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प्रोजेक्ट की विशेषताएं

ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट है, जिसे नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर जलाशय में स्थापित किया गया है। यह परियोजना 600 मेगावाट की कुल क्षमता के लिए प्रस्तावित है, जिसमें प्रथम चरण में 278 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना की कुल लागत 3 हजार करोड़ से भी ज्यादा है।

इस परियोजना में विशेष तकनीक का इस्तेमाल कर सोलर पैनल जलाशय में तैरते हुए लगाए गए हैं, जिससे भूमि की जरूरत खत्म हो गई है। यह प्लांट एनवायरनमेंट को हानि पहुंचाए बिना सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा, पानी की सतह पर तैरने से पैनलों को ठंडा रखने में मदद मिलती है, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता भी अधिक होती है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Dec 16, 2024 07:20 PM

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