MP shahdol paint scam: भ्रष्टाचार के मामले में मप्र का नाम एक बार फिर सामने आ रहा है। शहडोल जिला के दो सरकारी स्कूलों में 10 खिडकी और 4 दरवाजों पर पेंट कराना था। काम पूरा होने के बाद शिक्षा विभाग ने बिल तैयार किया, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। मामला तूल पकड़ते ही शहडोल के जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची ने बताया कि दोनों स्कूलों के बिल सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इनकी जांच की जा रही है, जो तथ्य सामने आएंगे। उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
दो बिल में ऐसे हुआ भ्रष्टाचार
दो स्कूलों में काम कराने का ठेका सुधा कांस्ट्रक्शन को मिला था। पहला बिल शहडोल जिले के निपानिया में शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय का था। इसमें काम कराने के लिए 275 लेबर और 150 राज मिस्त्री लगाए गए। इस स्कूल में 20 लीटर पेंट का प्रयोग किया गया।
वहीं दूसरा बिल उसी जिले के हाईस्कूल सक्कन्दी का है। इसमें काम करने के लिए ठेकेदार ने 168 लेबर और 65 राज मिस्त्री लगाए गए थे। इस स्कूल में 4 लीटर पेंट का प्रयोग किया गया। ठेकेदार ने 3 लाख 38 हजार रूपये से ज्यादा के दो बिल शिक्षा विभाग को दिए। जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल के प्रधानाचार्य ने दोनों बिल को पास कर दिया।
कैसे हुआ खुलासा
ठेकेदार ने 5 मई को बिल बनाकर शिक्षा विभाग को दिया था। इसके बाद यह बिल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इससे विभाग में हलचल मच गई। अब जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची ने मामले में जांच शुरू कराई।
छात्रवृत्ति में हुआ था घोटाला
हाल ही में, मध्य प्रदेश के भोपाल में अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली विशेष छात्रवृत्ति योजना में घोटला सामने आया था। कई स्कूलों औक मदरसों में मान्यता न होने के बाद भी 11वीं व 12वीं कक्षा के 972 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिल रही थी। इसकी कुल राशि 57 लाख रुपये थी।