---विज्ञापन---

मध्य प्रदेश

जिंदा हो गई मरी हुई महिला! परिवार ने किया था दाह संस्कार; पुलिस भी चौंकी

मंदसौर में 18 महीने पहले मृत घोषित की गई महिला जिंदा लौट आई। परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन अब यह मामला नया मोड़ ले चुका है। पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है और कई सवाल भी उठ रहे हैं।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Mar 22, 2025 18:21

मध्य प्रदेश के मंदसौर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां जिस महिला का डेढ़ साल पहले परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था और उसकी सारी रस्में पूरी कर ली थीं, वह अचानक घर लौट आई। महिला के दो बच्चे हैं, जो उसे देखकर खुशी से झूम उठे। हैरानी की बात यह है कि इस महिला की कथित मौत के मामले में चार लोग जेल की सजा काट रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

घटना मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के गांधीसागर थाना क्षेत्र के नावली गांव की है, जहां 18 महीने बाद बांछड़ा समुदाय की ललिता बाई अपने घर लौट आई। उसकी कहानी बेहद दिलचस्प और चौंकाने वाली है। दरअसल, 18 महीने पहले ललिता के गुमशुदा होने के बाद, उसके परिजनों को मध्य प्रदेश के ही थांदला थाना क्षेत्र में एक अज्ञात महिला की डेड बॉडी मिली थी। पुलिस की मदद से ललिता के परिवार ने यह मान लिया कि यह लाश ललिता की ही है। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया और मौत के बाद की सभी रस्में पूरी कर दी गईं।

---विज्ञापन---

डेढ़ साल से पूरा परिवार और ललिता के दो मासूम बच्चे यह मान रहे थे कि वह अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन जब वह अचानक अपने घर लौटी, तो सब दंग रह गए। गांव पहुंची ललिता ने बताया कि वह मरी नहीं है, बल्कि जिंदा है! जबकि घर में उसकी तस्वीर पर माला चढ़ी हुई थी और उसके नाम के आगे “स्वर्गवासी” लिखा था।

ललिता ने बताई अपनी आपबीती

ललिता गांधीसागर थाने पहुंची और पुलिस को बताया कि वह जिंदा है। उसने बताया कि उसे डेढ़ साल पहले शाहरुख नाम का एक युवक बहला-फुसलाकर भानपुरा ले गया था और फिर 5 लाख रुपये में बेच दिया था। इसके बाद शाहरुख उसे राजस्थान के कोटा ले गया, जहां वह डेढ़ साल तक उसके साथ रही। लेकिन मौका पाकर वह वहां से भाग निकली और अपने गांव लौट आई।

---विज्ञापन---

परिजनों ने किसकी लाश का किया अंतिम संस्कार?

जब ललिता के पिता रमेश ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, तो 9 सितंबर 2023 को उन्हें एक वीडियो के जरिए पता चला कि उनकी बेटी की डेड बॉडी मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला में मिली है। जब वे वहां पहुंचे, तो लाश काफी हद तक ललिता से मिलती-जुलती थी। इसलिए, वे उसे पहचानने में गलती कर बैठे और अंतिम संस्कार कर दिया।

क्या चार निर्दोष लोग जेल में बंद हैं?

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि हत्या के आरोप में जिन चार लोगों (भानपुरा के इमरान, शाहरुख, सोनू और एजाज) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, वे अब तक सलाखों के पीछे क्यों हैं? क्योंकि अब यह स्पष्ट हो चुका है कि ललिता की हत्या हुई ही नहीं थी, बल्कि वह जिंदा थी।

गांधीसागर पुलिस ने पूरे मामले की दोबारा जांच शुरू कर दी है और ललिता के बयान के बाद गांव पहुंचकर तफ्तीश की। अब यह साफ हो चुका है कि ललिता की हत्या नहीं हुई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि किस आधार पर चार लोग जेल में हैं और जो शव परिजनों को सौंपा गया था, वो किसका था?

HISTORY

Edited By

Avinash Tiwari

First published on: Mar 22, 2025 06:21 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें