Madhya Pradesh urination scandal victim Dashmat Rawat: चार महीने बीत गए, लेकिन मामा (शिवराज सिंह चौहान) को परवाह नहीं है कि मैं जिंदा हूं या मर गया। ये शब्द हैं मध्य प्रदेश की राजनीति में तहलका मचाने वाले पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी दशमत रावत के। पीड़ित का कहना है कि मैं भीम आर्मी में शामिल हो गया हूं, क्योंकि मामा ने मारी मदद करने की जहमत नहीं उठाई और न ही मुझे फोन किया।
दशमत रावत ने कहा कि पिछले 4 महीनों से मुझे पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है, लेकिन मुझसे किसी ने बात करने की कोशिश नहीं की और न ही मेरा फओन उठाया। एक मात्र पार्टी जो मेरी भलाई के बारे में चिंतित है, वो भीम आर्मी है, इसलिए मैं भीम आर्मी में शामिल हो गया हूं।
पेशाब कांड का वीडियो हुआ था वायरल
इसी साल जुलाई में प्रवेश शुक्ला नाम के कथित भाजपा नेता ने सीधी में सिगरेट पीते हुए आदिवासी पर पेशाब कर दी थी। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जब इस वीडियो को लेकर हंगामा होने लगाा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर प्रेशर बनने लगा, तो उन्होंने पीड़ित को बुलाकर उनसे मुलाकात की ओर उनके पैर भी धोए। इसके बाद उन्होंने पीड़िता आदिवासी से माफी भी मांगी। इस पूरे मामले के वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
उधर, मामले को लेकर शिवराज सरकार ने कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रवेश शुक्ला का घर बुलडोजर से जमींदोज कर दिया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार भी किया गया था। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 (अश्लील कृत्य) और 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान) और SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी। आरोपी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी आरोप लगाए गए थे।