Madhya Pradesh Revenue Campaign: मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए सरकारी कामों को बहुत ही आसान और किफायती बनाने में लगी हुई है। राज्य सरकार ने नई टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की मदद से राजस्व विभाग में लोगों के काम को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है। जिससे प्रदेश की जनता भरपूर लाभ उठा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देशानुसार प्रदेश में पेंडिंग पड़े राजस्व मामलों के निराकरण के लिए 15 जनवरी से 10 मार्च 2024 तक राजस्व महाअभियान चलाया जा रहा है।
जानिए क्या है…
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राजस्व महाअभियान से इतने मामलों का समाधान
हाल ही में इस अभियान को लेकर राजस्व विभाग से एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि राजस्व महाअभियान के तहत साल 2023 से लेकर अब तक के 3 लाख 80 हजार मामलों का समाधान किया जा चुका है। इसमें बंटवारा, नामांतरण, अभिलेख दुरूस्ती, सीमांकन और नक्शे पर तरमीम से जुड़े मामले शामिल हैं। वहीं, 15 जनवरी से चल रहे इस अभियान में करीब 2.5 लाख नए मामले भी शामिल हुए हैं। इनमें से 64 प्रतिशत से ज्यादा करीब 1.65 लाख मामलों का निराकरण राजस्व महाअभियान के तहत किया गया है।
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निराकरण की मॉनीटरिंग
राजस्व महाभियान के जरिए राज्य स्तर, जिले स्तर, और तहसील स्तर पर हर दिन प्रकरणों के निराकरण की मॉनिटरिंग की जाती है। राजस्व महाभियान के तहत लक्ष्य रखा गया था कि 31 दिसंबर 2023 तक समय-सीमा पार कर चुके 2,42,824 पेंडिंग मामलों के निराकरण किया जाए। राजस्व महाभियान का यह लक्ष्य अब पूरा होने के कगार पर है, क्योंकि इस महाभियान के जरिए अब तक 88 प्रतिशत यानी 2,14,100 मामलों का समाधान किया जा चुका है। इसमें बंटवारा के 99%, भिलेख दुरुस्ती के 58%, सीमांकन के 86% और नामांतरण के 94% मामले शामिल हैं।