Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने स्वर्ण रेखा नदी के सौंदर्यीकरण-संरक्षण मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि जब तक सॉलिड वेस्ट को खत्म नहीं किया जाएगा तब तक स्वर्ण रेखा का अपने पुराने रूप में वापस आना असम्भव है। इसके साथ ही कोर्ट ने बताया कि सॉलिड वेस्ट को खत्म करने के लिए DRDO ने एक केमिकल इजाद किया है। कोर्ट ने याचिकार्ताओं को उस प्रोसेस पर प्लान को तैयार करने भी सावधानीपूर्वक पूछा। इसके साथ ही कोर्ट ने निगम कमिश्नर, स्मार्ट सिटी के CEO और DFO सहित अन्य अर्बन डवलेपमेंट के अधिकारियों को फटकार भी लगाई है।
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नगर निगम के द्वारा तारागंज पुल से ढोली बुआ का पुल तक स्वर्ण रेखा नदी की सफाई कराई जा रही है।#SwachhBharat #SwachhSurvekshan2024MadhyaPradesh #Swachhsurvekshan2024Gwalior@SwachhBharatGov @urbansbm@HarshSi98432075 pic.twitter.com/YEElqlgD51---विज्ञापन---— Gwalior Municipal Corporation (@GwaliorGMC) March 18, 2024
हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
दरअसल, ग्वालियर की जीवनदायीनी कही जाने वाली स्वर्ण रेखा नदी की हालत दिनों से बद से बदतर हो रही है। अब स्वर्ण रेखा नदी नाले में बदल चुकी है। नदी के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के मुद्दे पर एडवोकेट विश्वजीत रतोनिया ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में जनहित याचिका (PIL) दायर की। इस याचिका की सुनवाई मंगलवार को की गई। इस दौरान कोर्ट ने सबसे पहले निगम कमिश्नर, स्मार्ट सिटी के CEO और DFO समेट अर्बन डवलेपमेंट के अधिकारियों को फटकार लगाई। कोर्ट में विभाग पर ये नाराजगी जाहिर की गई जब उन्होंने DPR सर्वे एजेंसी द्वारा 60 दिन का समय मांगा।
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कोर्ट ने दी सॉलिड वेस्ट को खत्म की सलाह
कोर्ट ने DPR सर्वे की मांग की कि आप लोग सर्वे के लिए समय मांग रहे हैं, लेकिन याचिकाकर्ता के अनुसार स्वर्ण रेखा में अभी भी नाले को जोड़ा जा रहा है। जिसके कारण गंदा पानी और सॉलिड वेस्ट उसमें मिलता है। ऐसे में सर्वे एजेंसी को समय देना है या नहीं इस पर रेगुलर सुनवाई में तय की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी पक्षकारों को सलाह देते हुए कहा कि वे सॉलिड वेस्ट को खत्म करने की प्लानिंग करें। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें बताया कि DRDO ने सॉलिड वेस्ट को खत्म करने के लिए केमिकल ईजाद किया है।
कार्ट ने दिया निर्देश
कोर्ट ने सर्वे एजेंसी को निर्देश देते हुए कहा कि अगर अगली सुनवाई में सर्वे रिपोर्ट के लिए 60 दिन का समय दिया जाता है, तो उस रिपोर्ट में किन पॉइंट्स पर सर्वे किया जाएगा। स्वर्ण रेखा को पुराने रूप में लाने के लिए उस रिपोर्ट का क्या योगदान होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल नियत कर दी है।