MP News: विपिन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश में आज से हड़ताल पर गए करीब 15 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि ये हड़ताल अवैध है, इसलिए हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर फौरन काम पर लौटे।
मरीजों का इलाज करें
हाईकोर्ट ने कहा कि डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें। हाईकोर्ट ये भी कहा कि आगे से बिना कोर्ट की अनुमति के स्ट्राइक यहां तक की टोकन स्ट्राइक भी नहीं करें। दरअसल, डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हड़ताल पर सख्ती दिखाई।
कोर्ट ने हड़ताल को बताया अवैध
याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई। डाक्टरों की हड़ताल को कोर्ट ने अवैध माना है। इस पर हाई कोर्ट का कहना है कि डॉक्टरों की हड़ताल इल्लीगल है, अभी डॉक्टर तुरंत काम पर लौटे और आज ही काम पर लौटे और अस्पताल में जितने मरीज हैं उन्हें ट्रीटमेंट दें और आपसे इस बात का ध्यान रखें कि बिना कोर्ट की अनुमति के हड़ताल पर नहीं जाएंगे यहां तक की टोकन स्ट्राइक पर भी नहीं जाएंगे।
DACP करने की मांग
दरअसल, डाक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, DACP लागू करने। अधिकारियों के हस्तक्षेप रोकने और पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग समेत अन्य मांगों को लेकर शुरु हुई है। इससे पहले 1 मई को डाक्टरों ने सांकेतिक हड़ताल की जिसमें पहले दिन काली पट्टी बांध काम किया और 2 मई को 2 घंटे ओपीडी बंद कर हड़ताल पर रहे। लेकिन बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज से संबंधित अस्पताल जिला अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेत मध्यप्रदेश के तमाम अस्पतालों के करीब 15 हजार सीनियर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं, जिनका असर मरीजों पर पड़ता दिखाई दे रहा है।
क्या है DACP
दरअसल, समय समय पर DACP के जरिए होती है डॉक्टरों की पदोन्नति होती है। वेतनवृद्धि और अच्छा करियर बनाने के लिए DACP में मिलते हैं बेहतर अवसर, 2008 के बाद देश के कई राज्यों में यह पॉलिसी लागू हो चुकी है, लेकिन मध्य प्रदेश में 14 साल बाद भी यह पॉलिसी लागू नहीं हो पाई है। यही स्कीम लागू नहीं होने की वजह से डॉक्टरों ने हड़ताल का रास्ता पकड़ा है।