Madhya Pradesh Crime Intelligence Unit: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश में कानून की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है। हाल ही में प्रदेश की क्राइम ब्रांच ने राज्य में नए कानूनों के पालन और अपराधों की रोकथाम के लिए क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया है। क्राइम ब्रांच की यह नई यूनिट 30 दिनों के अंदर संगठित अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। सबसे पहले यूनिट इस तरह के क्रिमिनल्स को चिन्हित कर उनकी जानकारी तैयार करेगी।
सबके लिए त्वरित न्याय की अवधारणा पर आधारित हैं नये आपराधिक कानून : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
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— Jansampark MP (@JansamparkMP) July 1, 2024
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क्या है क्राइम इन्टेलिजेंस यूनिट का काम?
क्राइम ब्रांच की यह यूनिट भोपाल में पिछले 10 सालों में मार्क किए गए गैंग और उनके नेटवर्क पर कार्यवाही करेगी। गैंग के सदस्यों द्वारा खुद या किसी और के नाम पर अवैध रूप से अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति को मार्क कर कुर्की की कार्रवाई कराई जाएगी। इसके अलावा क्राइम ब्रांच भोपाल में ‘संगठित अपराध सिंडीकेट’ के खिलाफ IPC के तहत मध्य प्रदेश में एक जुलाई 2024 से लागू नए कानूनों के आधार पर भोपाल में मार्क किए गए गैंग में शामिल अज्जू शूटर गैंग के सदस्यों के खिलाफ शिकायत के आधार पर कार्यवाही की गई। क्राइम ब्रांच ने गैंग के सदस्यों पर IPC की धारा-111 के तहत ‘संगठित अपराध सिंडीकेट’ के खिलाफ पहली FIR दर्ज की गई है।
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15 गैंग के 150 अपराधियों की लिस्ट
इस खास इन्टेलिजेंस यूनिट का गठन क्राइम ब्रांच भोपाल के एक वरिष्ठ अधिकारी नेतृत्व में किया गया है। यह यूनिट एक महीने में भोपाल में मार्क किए गए 15 गैंग के लगभग 150 अपराधियों की जानकारी तैयार करेगी कि इन अपराधियों द्वारा तथा इनके प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष सहयोगियों के आपराधिक काम से कौन-कौन सी चल-अचल संपत्ति अर्जित की गई है उसका पता लगाना है।