Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर चीतों के संघर्ष में एक नर चीता ‘अग्नि’ के घायल होने की खबर है। अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यहां कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) में अन्य चीतों के साथ लड़ाई में अफ्रीकी चीता घायल हो गया।
उन्होंने बताया कि सोमवार शाम कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले वन क्षेत्र में चीतों के दो समूहों के बीच झड़प के बाद नर चीता अग्नि घायल हो गया, उन्होंने बताया कि घायल चीता का इलाज चल रहा है और उसकी हालत में सुधार हुआ है।
Madhya Pradesh | A male cheetah, Agni injured in a skirmish between two groups of cheetahs at Kuno National Park's open forest area last evening. His condition has improved after treatment.
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 27, 2023
---विज्ञापन---
तीन शावकों समेत अब तक 6 चीतों की मौत
बता दें कि मार्च से अब तक कूनो नेशनल पार्क में पैदा हुए चार शावकों में से तीन समेत छह चीतों की मौत हो गई है, जिससे पार्क के प्रबंधन और प्रशासन पर उंगली उठ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में विलुप्त हो रहे चीतों को पुनर्जीवित करने के प्रयास के तहत पिछले साल 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों (5 मादा और 3 नर) को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इसके बाद इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए थे।
चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना चीता के तहत, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के दिशा-निर्देशों के अनुसार जंगली प्रजातियों, विशेष रूप से चीतों का पुनरुद्धार किया गया था।
भारत में वन्यजीव संरक्षण का एक लंबा इतिहास रहा है। सबसे सफल वन्यजीव संरक्षण उपक्रमों में से एक ‘प्रोजेक्ट टाइगर’, जिसे 1972 में शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट ने न केवल बाघों के संरक्षण में बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में भी योगदान दिया है।