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कूनो चीता परियोजना में नहीं होगा कोई बदलाव, ऐसा होने पर योजना को माना जाएगा सफल

Kuno Cheetah Project: कूनो नेशनल पार्क में अब तक तीन शावक और 6 चीतों को मिलाकर कुल 9 मौते हो गई हैं। हाल ही में एक मादा चीता ने भी दम तोड़ दिया था। ऐसे में लगातार होती मौतों को लेकर चीता प्रोजेक्ट में बदलाव की बातें सामने आ रही थी। हालांकि सरकार ने फिलहाल […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Aug 5, 2023 13:18
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Kuno National Park
Kuno Cheetah Project

Kuno Cheetah Project: कूनो नेशनल पार्क में अब तक तीन शावक और 6 चीतों को मिलाकर कुल 9 मौते हो गई हैं। हाल ही में एक मादा चीता ने भी दम तोड़ दिया था। ऐसे में लगातार होती मौतों को लेकर चीता प्रोजेक्ट में बदलाव की बातें सामने आ रही थी। हालांकि सरकार ने फिलहाल स्पष्ट कर दिया है कि अभी चीता प्रोजेक्ट में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

बारिश तक सभी चीतें बाड़े में रखे जाएंगे

सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि फिलहाल चीतों को कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़ों में ही रखा जाएगा और प्रोजेक्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। नेशनल पार्क प्रबंधन का कहना है कि चीता एक्शन प्लान में स्पष्ट एक साल में अगर 50 प्रतिशत चीते जिंदा बचते हैं तो परियोजना को सफल माना जाएगा। क्योंकि इस तरह के प्लान में बेहद सावधानी से काम किया जाता है।

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सर्दियों के मौसम में खुले जंगल में छोड़ने की संभावना

दरअसल, अभी बारिश का मौसम चल रहा है। इसके अलावा कॉलर आईडी की वजह से हुए इनफेक्शन को लेकर सभी चीतों को खुले जंगल से लाकर बाड़े में छोड़ा गया है। पार्क प्रबंधन का कहना है कि सर्दियों का मौसम आने तक चीतों की स्थिति में सुधार आने की पूरी संभावना है। फिलहाल बारिश के मौसम में सभी चीतों की कालर आईडी हटाकर उन्हें बाड़े में ही रखा जाएगा। जब बारिश का मौसम खत्म होने के बाद सर्दियों का मौसम शुरू होगा तो फिर से चीतों को खुले जंगल में छोड़ने के प्रयास किए जाएंगे।

इसके अलावा अगर शावक पूरे एक साल के हो जाते हैं तो योजना सफलता की और बढ़ती हुई मानी जाएगी। क्योंकि चीतों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बसाना आसान नहीं होता है। इसलिए चीता प्रोजेक्ट में एकदम से कोई बदलाव करने की संभावना नहीं है।

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9 चीतों की हो चुकी है मौत

दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में कुल 20 चीते दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए थे। जिनमें से अब तक 6 चीतों की मौत हो चुकी है। जबकि एक मादा चीता ने भी चार शावकों को जन्म दिया था। जिसमें से 3 चीतों की मौत हो चुकी है। ऐसे में पार्क में 14 चीते और एक शावक को मिलाकर कुल 15 चीते बचे हैं। बता दें की चीता प्रोजेक्ट को लेकर पीएम मोदी ने भी पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और अधिकारियों के साथ बैठक की थी।

पर्यावरण मंत्री ने कही यह बात 

वहीं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि चीतों की मौत की वजह मानसून का संक्रमण है। वन विभाग के अधिकारी लगातार मेहनतर कर रहे हैं, यह पहला साल है, जहां चीतों का ट्रांसलोकेशन हुआ है, वेदर से कुछ प्रभाव पड़ा है, उस पर काम चल रहा है। इसके अलावा हम नामीबिया और साउथ एशिया के एक्सपर्ट से भी बातचीत कर रहे हैं। सभी इस प्रोजेक्ट में पूर्ण गंभीरता से लगे हुए हैं, चिंता कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि यह प्रोजेक्ट सफल हो, क्योंकि हर वर्ष चीते आने हैं।

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Written By

Arpit Pandey

First published on: Aug 05, 2023 01:13 PM
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