Madhya Pradesh vidhan sabha chunav result 2023: मध्य प्रदेश की कुल 230 में से कई विधानसभा सीटों पर बड़े सियासी चेहरे चुनाव मैदान में हैं, वहीं 5 सीटों पर तो माहौल और भी अटपटा बना हुआ है। बड़े सियासी चेहरों की हार-जीत पर तो हर किसी का फोकस है ही, लेकिन इन पांच सीटों पर कहीं समधी-समधन में, किसी सीट पर जेठ-बहू में, किसी पर चाचा-भतीजे में तो कहीं भाई-भाई में ही सियासी दीवार खिंची हुई है। जानें कहां कौन किसके खिलाफ बिछा रहा बिसात…
डबरा सीट पर समधी-समधन में जोरा-जोरी
डबरा विधानसभा सीट पर तीसरी बार एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश राजे और भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी आपस में समधी-समधन हैं। तीन बार की फाइट में से एक-एक बार दोनों एक-दूसरे को शिकस्त दे चुके हैं।
सागर सीट पर जेठ-बहू में मुकाबला
सागर सीट पर भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायक शैलेंद्र जैन को कोई और नहीं, बल्कि उनके अपने छोटे भाई सुनील जैन की पत्नी निधि कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में टक्कर दे रही हैं।
टिमरनी और देवतलाब सीटों पर चाचा-भतीजे में टक्कर
टिमरनी सीट पर भाजपा के विधायक संजय शाह के मुकाबले कांग्रेस से उनके भतीजे अभिजीत शाह दूसरी बार मैदान में हैं। 2018 में चाचा ने भतीजे को हराया था, वहीं अब देखने वाली बात यह है कि इस बार का नतीजा किसके पक्ष में जाता है। यही हाल देवतलाब सीट का भी है। यहां भाजपा उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उनके भतीजे पद्मेश गौतम टक्कर दे रहे हैं।
नर्मदापुरम सीट पर भाई-भाई आमने-सामने
पारिवारिक खींचतान के राजनैतिक पटल पर उतरने की कहानी में मध्य प्रदेश की पांचवीं सीट के रूप में नर्मदापुरम का नाम है। यहां भारतीय जनता पार्टी से एक-एक बार विधायक रह चुके सीतासरन शर्मा भाजपा से तो गिरिजाशंकर शर्मा कांग्रेस से एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। गिरिजाशंकर ने इसी साल सितंबर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस का हाथ थामा था।
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