MP News: विपिन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आखिरकार डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली। मध्य प्रदेश शासकीय चिकित्सा महासंघ ने हड़ताल वापस लेने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा। संघ के मुख्य संयोजक डॉ राकेश मालवीय ने सीएम को पत्र लिखकर हड़ताल वापसी के लिए कोर्ट के आदेश का किया जिक्र करते हुए हड़ताल वापस लेने की बात कही।
15 हजार से ज्यादा डॉक्टर थे हड़ताल पर
दरअसल, मध्य प्रदेश में बुधवार से करीब 15 हजार से ज्यादा डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। DACP लागू करने, अधिकारियों के हस्तक्षेप रोकने और पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग समेत अन्य मांगों को लेकर शुरु की थी ।इससे पहले 1 मई को डाक्टरों ने सांकेतिक हड़ताल की जिसमें पहले दिन काली पट्टी बांध काम किया और 2 मई को 2 घंटे ओपीडी बंद कर हड़ताल पर रहे।
लेकिन बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज से संबंधित अस्पताल जिला अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेत मध्यप्रदेश के तमाम अस्पतालों के करीब 15 हजार सीनियर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए, जिनका असर मरीजों पर पड़ता दिखाई दिया।
हाईकोर्ट ने हड़ताल को बताया अवैध
जिसके बाद बुधवार दोपहर तक डाक्टरों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि ये हड़ताल अवैध है, इसलिए हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर फौरन काम पर लौटे। इतना ही नहीं डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें।
हाईकोर्ट ने भी कहा कि आगे से बिना कोर्ट की अनुमति के स्ट्राइक यहां तक की टोकन स्ट्राइक भी नहीं करें। डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हड़ताल पर सख्ती दिखाई।
जिसके बाद डाक्टरों ने देर रात हड़ताल वापस लेने को लेकर सीएम शिवराज को पत्र लिखा। इससे कुछ देर पहले ही भोपाल के हमीदिया मेडिकल अस्पताल में चिकित्सक शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और जिला अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने पहुंचकर हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों से बातचीत कर कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए हड़ताल खत्म करने की समझाइश दी।