मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में खांसी की दवा पिलाए जाने के बाद बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. प्रशासन की तरफ से मामले की जांच चल रही है, दवा की भी जांच की जा रही है. इसी बीच 4 अक्टूबर की रात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अब इस मामले में चिकित्सक संघ डॉ. प्रवीण सोनी के समर्थन में उतर गया है और उन पर दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की है.
SDM और SDOP को लिखे पत्र में कहा गया है कि हम सभी IMA/IDA/PHARMACIST ASSO परासिया के सभी सदस्य स्पष्ट करना चाहते हैं कि डॉ. प्रवीण सोनी (शिशु रोग विशेषज्ञ) को दिनांक 04.10.2025 की रात्रि को अचानक किसी संबंधित दवाओं के कारण उत्पन्न होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार गलत है.
पत्र में आगे लिखा गया है कि यदि चिकित्सकों को इस प्रकार की घटनाओं में दोषी ठहराया गया तो यह चिकित्सकीय निर्णय प्रक्रिया में भय और हिचकिचाहट उत्पन्न करेगा, जिससे मरीजों की देखभाल प्रभावित होगी. अतः हम आपसे अनुरोध करते हैं कि डॉ. प्रवीण सोनी के विरुद्ध एफ.आई.आर. को निरस्त कर उन्हें तुरंत रिहा किया जाए और अन्य चिकित्सकों के विरुद्ध एफ.आई.आर. को निरस्त किया जाए.
आई.एम.ए. परासिया द्वारा चिकित्सक के विरुद्ध अनुचित कार्यवाही का विरोध किया जाता है. यदि डॉ. प्रवीण सोनी को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो आई.एम.ए. परासिया द्वारा दिनांक 07.10.2025 दिन मंगलवार सुबह 8.00 बजे से अनिश्चितकालीन चिकित्सा सेवा बंद रहेगी. उस दौरान प्रशासन से अनुरोध है कि कानूनी व्यवस्था बनाए रखे.
यह भी पढ़ें: छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत, CM यादव ने पीड़ितों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि का किया ऐलान