Amritsya Maa Narmada Pad Parikrama Program: संत और भगवा की अपनी एक विशेषता होती है। संतजन समाज और हजारों जीवन को सद मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हुए ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करते हैं। जिस प्रकार से सूर्य और दीप हमें ऊर्जा प्रदान कर अंधकार से मुक्त कराते हैं, वैसे ही संत जन हमारे जीवन को ज्ञान रूपी प्रकाश की नई ज्योति प्रदान करते हैं।
यह बात मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ओंकारेश्वर में ब्रह्मपुरी घाट पर आयोजित “अमृतस्य मां नर्मदा पद परिक्रमा कार्यक्रम” में कही। मुख्यमंत्री यादव ने ब्रह्मपुरी घाट पर मां नर्मदा का पूजन कर आरती की।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि संत हमें सदैव सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा नदी, पर्वत, पहाड़ हम मनुष्यों को प्रकृति की एक देन है। इसके संरक्षण के लिए हम सभी को प्रयास करने की जरूरत है। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व है और सभी को होना चाहिए।
आज माननीय मुख्यमंत्री जी ने ओंकारेश्वर में ब्रह्मपुरी घाट पर माँ नर्मदा पद परिक्रमा में सहभगिता करने से पूर्व मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा जी का सपत्नीक पूजन-अर्चन तथा कन्या पूजन किया।
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मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक देवस्थान पर बेहतर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने कहा प्रदेश में पूरे नर्मदा परिक्रमा पथ को बेहतर तरीके से विकसित करते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएंगी, जिससे नर्मदा परिक्रमा यात्रियों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा इसके लिए 5 सदस्यीय मंत्रियों की समिति भी बनाई गई है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व में एक विशेष पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा हम सभी को भारतीय संस्कृति पर गर्व और अभिमान हैं। मां नर्मदा अमरकंटक से निकलकर खंभात की खाड़ी में मिलती है। मां नर्मदा इस पूरे मार्ग में लंबी यात्रा तय करती है।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे…
आज खंडवा में श्री क्षेत्र ओंकारेश्वर से प्रारम्भ होने वाली माँ नर्मदा पद परिक्रमा कार्यक्रम ‘अमृतस्य’ में सहभागिता कर विचार साझा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर पुस्तक ‘नर्मदा परिक्रमा’ का विमोचन भी किया।
सदैव से अविरल एवं निर्मल… pic.twitter.com/C2iPpVmmN7
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पतित पावनी सलिल मां नर्मदा की धारा जिस भी मार्ग से गुजरती है वहां जीवन का सृजन और प्रकृति जीवंत होती है। मां नर्मदा के दर्शन में जीवन का दर्शन समाहित है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा पूरे नर्मदा पद पर अलग-अलग विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मां नर्मदा के पूरे परिक्रमा क्षेत्र में चल रहें सेवा के अनेक प्रकल्पों जिसमें मुफ्त अन्नक्षेत्र और आवास व्यवस्था विश्व के लिए प्रेरणा का विषय हैं, और यह केवल भारत में मां नर्मदा के खंड में ही होता है। मध्य प्रदेश में तो यह और भी अद्भुत है, जहां घर घर से परिक्रमा करने वालों के लिए भोजन भेजा जाता है।
श्रद्धेय गुरुदेव विवेक जी, जोड़ गणपति हनुमान मंदिर ओंकारेश्वर के महंत मंगलदास जी त्यागी, महानिर्वाणी अखाड़ा ओंकारेश्वर के महंत कैलाश भारती, मार्कण्डेय संन्यास आश्रम ओंकारेश्वर के महंत प्रणवानंद जी सरस्वती और निजानंद धाम खाचरोद के ब्रह्मचारी जी महाराज, खण्डवा विधायक कंचन तनवे, पंधाना विधायक छाया मोरे, मान्धाता विधायक नारायण पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े सहित संतगण, जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण मौजूद रहे।
नर्मदा परिक्रमा का ऐप से डिजिटल क्रांति
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि नर्मदा परिक्रमा का ऐप से परिक्रमा कर रहे लोगों को परिक्रमा मार्ग में मदद मिलेगी, इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर लोगों को अपने ग्राम और शहर से जोड़े रखेंगे।
सर्वं खल्विदं ब्रह्म…
ओंकारेश्वर, जिला खंडवा में आदि गुरु शंकराचार्य की भूमि पर संतों व अधिकारियों के साथ बैठक कर एकात्म धाम में प्रगतिरत निर्माण कार्यों की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। #एकात्मधाम pic.twitter.com/3UbBZLRe3e
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डिजिटल क्रांति से स्थानीय लोगों को रोजगार देने का प्रयास नर्मदा जी के खंड में नूतन अध्याय लिखेगा। इस एप से परिक्रमा कर रहे लोग स्थानीय संस्कृति से भी परिचित होंगे। परिक्रमा मात्र साधना नहीं भारत की संस्कृति की यात्रा भी होगी और मध्य प्रदेश से आरंभ होने वाली यात्रा पूरे भारत में ऐसे और अध्यायों को लिखेगी।
ज्ञान और अध्यात्म की पवित्र भूमि
“एकात्म धाम”आचार्य शंकराचार्य की ज्ञानभूमि ओंकारेश्वर के एकात्म धाम में “Statue Of Oneness” पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।
इस अवसर पर पुस्तक “Ekatma Dham: A Journey of Oneness” एवं “अद्वैत जागरण युवा शिविर 2025” के कैलेण्डर का विमोचन किया। साथ… pic.twitter.com/u4bkTMQfAH
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मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मां नर्मदा के पावन स्वरूप को स्थाई बनाए रखने के लिए परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु तट पर 5-5 पौधे (सीड बाल्स) रोपने का फिर से काम करें। इस प्रकार जब सरकार और समाज दोनों समन्वित रूप से प्रयास करेंगे तो मां नर्मदा का आदि स्वरूप अनादि काल तक स्थाई बना रहेगा।
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