MP News: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें सीएम ने कई अहम निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं अति आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत हैं। इसमें अवरोध न आए। आकस्मिक एवं गंभीर सेवाओं का संचालन सुचारु रूप से हो, इसमें कोई कसर नहीं छोड़ें।
हड़ताल पर जाना अनैतिक
बता दें कि मध्य प्रदेश में 15 हजार से ज्यादा डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। जिस पर सीएम ने कहा कि ‘स्वास्थ्य सेवाएं अति आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत हैं। इसमें अवरोध न आए। आकस्मिक एवं गंभीर सेवाओं का संचालन सुचारु रूप से हो, इसमें कोई कसर नहीं छोड़ें। स्ट्राइक पर जाना अनैतिक है, इसमें कार्यवाई का प्रावधान है। मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाएं बनाएं और पीजी चिकित्सकों की सेवाएं लें।’
सभी अस्पतालें सुचारू रूप से चले
सीएम ने कहा कि ‘जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलें। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। कलेक्टर्स- कमिश्नर और मेडिकल कॉलेज के डीन इलाज सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करें। गंभीर मरीजों के इलाज में व्यावधान न हो। चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था बनी रहे। निजी नर्सिंग होम में भी सतत संवाद बना कर रखें। पर्याप्त मात्रा में एंबुलेंस की व्यवस्था सतत बनी रहे। आयुष्मान योजना में प्राइवेट अस्पताल में इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।
डॉक्टर्स भगवान का रूप
सीएम ने कहा कि ‘इंसान की जान बचाने के लिए डॉक्टर्स ही भगवान का रूप माने जाते हैं। इंसान की जिंदगी से खिलवाड़ न करें। हर जगह व्यवस्था कर लें। मरीजों को चिन्हित कर शिफ्ट करने की कार्यवाही हो। स्वास्थ्य सेवाएँ किसी भी स्थिति में प्रभावित न हों। मरीजों को इमरजेंसी में कोई परेशानी नहीं होना चाहिए।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में पहले से बातचीत हो जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों से संवाद कर लें। बता दें कि प्रदेश में 15 हजार से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल पर हैं।