MP News: मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में संविदा कर्मचारियों के प्रांतीय सम्मेलन में प्रदेश के करीब डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। अब संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन मिलेगा। यानि उनका सालाना कॉन्ट्रैक्ट कल्चर अब प्रदेश में खत्म हो जाएगा।
नियमित कर्मचारियों के बराबर मिलेगा वेतन: सीएम शिवराज
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मैं यह फैसला कर रहा हूं कि संविदा कर्मचारियों की प्रतिवर्ष अनुबंध की प्रक्रिया समाप्त की जाती है। अब उन्हें नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन मिलेगा। क्योंकि आपकी दृष्टि और कार्यकुशलता नियमित कर्मचारियों से रत्ती भर भी कम नहीं है, कई मायनों में ज्यादा है। जरूरत पड़ने पर संविदा कर्मचारियों ने नियमित कर्मचारियों से ज्यादा काम करके दिखाया है।’
संविदा कर्मचारियों के लिए मैं घोषणा करता हूं… pic.twitter.com/0qrTBJiFBU
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) July 4, 2023
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संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणाएं
- संविदा कर्मचारियों की प्रतिवर्ष अनुबंध प्रक्रिया (सालाना कॉन्ट्रैक्ट कल्चर) होगा समाप्त
- संविदा कर्मचारियों को मिलेगा नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ
- संविदा कर्मचारियों को मिलेगा 100 प्रतिशत वेतन
- संविदा कर्मचारियों को मिलेगा स्वास्थ्य बीमा का लाभ
- संविदा कर्मचारियों को मिलेगा अनुकंपा नियुक्ति का लाभ
- रिटायरमेंट के समय ग्रेजुएटी का लाभ मिलेगा
- नियमित पदों पर भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण
- नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश की पूरी सुविधा
- मातृत्व अवकाश का लाभ भी नियमित कर्मचारी की तरह
- आंदोलन के समय कटा हुआ वेतन होगा वापस
- आंदोलन के दौरान दर्ज मामले भी होंगे वापस
काटा वेतन भी वापस किया जाएगा
संविदा कर्मचारियों के लिए घोषणा करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि बीच-बीच में थोड़ी लड़ाई हो गई थी अपनी। वेतन भी काट लिया था। लेकिन आंदोलनों और हड़ताल के दौरान काटा गया वेतन आप सभी को वापस किया जाएगा। जितना सम्मान मेरा है उतना ही सम्मान आपका भी रहेगा।
2015 में हुई थी संविदा भर्तियों की शुरुआत
बता दें कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने 2015 में संविदा भर्तियों की शुरुआत की थी। जिसकी बड़ी वजह सरकार ने खर्चे कम करना बताया था। संविदा पर भर्ती कर्मचारियों की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार करने का प्रावधान है। यानि इसमें नियुक्ति के साथ संविदा कर्मचारियों का सरकार के साथ यह कॉन्ट्रैक्ट होता है। लेकिन बाद में नियमित कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विभागों की विभागों को अधिकृत कर दिया गया था कि वह विभागाध्यक्ष अपने-अपने विभागों में फिक्स वेतन पर भर्ती कर सकें। क्योंकि इन कर्मचारियों रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी और अन्य लाभ नहीं मिलते थे।