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मध्य प्रदेश

CM मोहन यादव ने ‘बेताल’ को बताया साइंटिस्ट; जानिए 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में क्या बोले मुख्यमंत्री?

CM Mohan Yadav Called 'Betaal' A Scientist: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल के रविन्द्र भवन में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ किया।

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Jan 3, 2025 19:40
CM Mohan Yadav Called 'Betaal' A Scientist

CM Mohan Yadav Called ‘Betaal’ A Scientist: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को भोपाल के रविन्द्र भवन में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ किया। यह 4 दिवसीय कार्यकम 3 से 6 जनवरी तक चलेगा। इसमें गल्फ के 6 देशों के बाल वैज्ञानिक शामिल हुए, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कुवैत, ओमान, सऊदी अरब जैसे देश शामिल है। इसके अलावा भारत के अलग-अलग राज्यों के 700 से अधिक बाल वैज्ञानिक, शिक्षक और मेंटर्स शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने विक्रम बेताल के बेताल को साइंटिस्ट बताया है।

सीएम ने बेताल को बताया साइंटिस्ट

सीएम मोहन यादव ने कहा कि विक्रम बेताल की कहानियों में बेताल को भूत बता दिया गया है, जबकि वह साइंटिस्ट थे। वह नए युग ने साइंटिस्ट की वेश-भूषा देखकर ही लोग उन्हें भूत कहते थे। हमने रिसर्च की पद्धति को चैलेंज करते हुए एक साथ कई रिसर्च के मेथड शुरू किए है। हमारी सरकार भी ऐसे कई प्रयोग कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार यंग टेलेंट को प्रोत्साहित कर रही है।

सूर्योदय से क्यों नहीं होती दिन की शुरुआत

इस दौरान सीएम मोहन यादव ने यह कहा कि लोग रात 12 बजे दिन की शुरुआत मानते हैं। सूर्योदय से दिन की शुरुआत क्यों नहीं होती है। ग्रीनविच से कैंलेंडर की गणना की जाती है, ये अंग्रेजों ने किया है। ऊर्जा का केंद्र सूर्य है, इसलिए हमारे कार्यक्रमों की शुरुआत ज्योति प्रज्वलित कर की जाती है। जय जवान का नारा बढ़ता जा रहा है। पीएम मोदी की सरकार में देश के अंदर जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान हो रहा है।

यह भी पढ़ें: पीथमपुर मामले पर CM मोहन यादव का बयान; बोले- अज्ञानता के आधार पर फैला रहे झूठ

खगोलीय वैधशाला का वर्चुअल उद्घाटन

इसके साथ ही मोहन यादव ने डोंगला में स्थापित वराह मिहिर खगोलीय वैधशाला के ऑटोमेशन का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। इस पहल से आम नागरिक घर बैठे एस्ट्रोनॉमिकल स्टडीज कर पाएंगे। इसके अलावा मध्य प्रदेश को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।

First published on: Jan 03, 2025 05:35 PM

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